14 वर्षों में भोलानाथ फ्लाईओवर निर्माण की राशि बढ़कर हो गई दोगुनी, अब खर्च होंगे सवा सौ करोड़
पूर्व रेलवे से नक्शे को स्वीकृति मिलने के बाद फ्लाईओवर निर्माण की दिशा में प्रक्रिया शुरू कर दी है। ट्रांसटेक इंजीनियर्स सर्विसेज प्राइवेट को डीपीआर में सुधार करने को कहा गया है।
भागलपुर [जेएनएन]। भोलानाथ फ्लाई ओवर निर्माण की घोषणा वर्ष 2005 में की गई। नक्शा भी बन गया लेकिन यह 14 साल बाद भी धरातल पर नहीं उतर सका। इसका परिणाम हुआ कि जिस फ्लाई ओवर के निर्माण में 60 करोड़ खर्च होते वह राशि अब बढ़कर दोगुने से भी अधिक हो गई। इसके निर्माण तकरीबन सवा सौ करोड़ खर्च होगा। वहीं जिस भूमि को पांच करोड़ रुपये में अधिग्रहित होती अब उन जमीनों के अधिग्रहण के लिए दस गुने अधिक राशि का भुगतान करना पड़ेगा। 44 करोड़ रुपये अधिक भुगतान करना पड़ेगा।
मार्च से निर्माण शुरू करने की योजना
पूर्व रेलवे से नक्शे को स्वीकृति मिलने के बाद फ्लाईओवर निर्माण की दिशा में विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारी के मुताबिक पटना की ट्रांसटेक इंजीनियर्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को रेलवे के अनुसार डीपीआर में सुधार करने को कहा गया है। एक सप्ताह में एजेंसी विभाग डीपीआर सौंप देगी। पुल निर्माण निगम की योजना मार्च से फ्लाई ओवर निर्माण शुरू करने की है।
पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना अभियंता राम सुरेश राय ने कहा कि डीपीआर को प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। मार्च तक निर्माण शुरू करने की योजना है।
मुख्य बातें
-वर्ष 2009 में भूमि अधिग्रहण की अनुमानित राशि पांच करोड़ थी
-नौ सालों में तकरीबन दस गुने बढ़ कर अनुमानित राशि 49 करोड़ हो गई
-वर्ष 2009 में इस फ्लाई ओवर निर्माण की अनुमानित राशि 60 करोड़ थी
-योजना की उम्र बढऩे के साथ अनुमानित राशि 60 करोड़ से बढ़कर 125 करोड़ हो सकता है
-इस फ्लाई ओवर में सत्रह पीलर बनेगा
-28 दिसंबर 2005 में फ्लाई ओवर का नक्शा तैयार किया गया था
-14 सालों में नक्शे में दस बार संशोधन किया गया
-भोलानाथ पुल से 6.5 मीटर ऊपर गुजरेगी
-मिरजानहाट शीतला स्थान चौक से भीखनपुर गुमटी नंबर दो के बीच 1110 मीटर लंबी बनेगी
-भोलानाथ के नीचे पानी जमाव की समस्या से राहत मिलेगी
-दक्षिणी क्षेत्र के डेढ़ लाख आबादी के लिए सुगम यातायात होगी
-रेलवे से स्वीकृति मिलते ही भोलानाथ फ्लाई ओवर निर्माण की प्रक्रिया में आइ तेजी
-एक सप्ताह में विभाग को मिल जाएगी डीपीआर