बोले कांग्रेस विधायक दल नेता - बिहार में शराबबंदी कानूनी पूरी तरह फेल, इसकी समीक्षा करें मुख्यमंत्री, लिखा पत्र
भागलपुर के विधायक सह कांग्रेस विधायक दल नेता अजीत शर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल है। इस कारण सरकार को इस कानून पर फिर से समीक्षा करनी चाहिए।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने एक बार फिर शराब बंदी कानून का मुद्दा उठा दिया है। उनका दो टूक कहना है कि बिहार सरकार शराब बंदी में पूरी तरह से विफल रही है। इसकी समीक्षा की जानी चाहिए। हालांकि, इस आशय का उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
उन्होंने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को कहा है कि इस फैसले से राजस्व को भी घाटा लगा। पत्र में उदाहरण देते हुए कहा है कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019-20 में स्पष्ट हो चुका है कि गोवा में शराब का टैक्स फ्री है। घर दुकान और रेस्टोरेंट में उपलब्ध है। वहां से भी अधिक खपत बिहार में है। हाल में ही पुलिस कर्मियों को शराब नहीं पीने की शपथ दिलाई गई है। इससे एक बात तो साफ है 2016 में भी पुलिस वालों ने शपथ लिया था लेकिन वे उस शपथ पर टिके नहीं। बार-बार उन्हें शपथ दिलाने की जरूरत पड़ रही है। यदि पुलिस विभाग शराब का प्रवेश राज्य में बंद कर दें तो उसे शपथ की औपचारिकता की जरूरत ही नहीं होगी।
पूर्व में भी हमने शराब बंदी कानून को समाप्त कर शराब की कीमत तीन गुणा तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। प्राप्त राजस्व से बिहार में उद्योग खोला जाए। सदन में भी यह कह चुका हूं कि शराब बंदी पूरे तौर पर लागू की जाए। नहीं तो इस कानून और सिस्टम की समीक्षा की जाए।
उन्हाेंने कहा कि शराब बंदी जब से राज्य में हुई है तब से इसका तेजी से होम डिलेवरी हो रहा है। पड़ोस के राज्याें से बेरोकटोक शराब राज्य में आ रहा है। इसे लाने में सिस्टम भी मददगार है। अगर सिस्टम मददगार नहीं होता तो यह अवैध कारोगार यहां इतनी तेजी से नहीं फैसलता। इस अवैध करोबार में सबसे अधिक युवा संल्पित हैं। उनका कैरियर भी बर्बाद हो रहा है। युवाओं की यह टोली अवैध शराब को पड़ोसी राज्यों से लाने तथा उसका होम डिलेवरी करने में लगे रहते हैं।