कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में हंगामा, जान बचाकर भागे बिहार के प्रभारी
कांग्रेस भवन में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में शुक्रवार को खुलकर पार्टी की गुटबाजी सामने आई। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और हंगामा करने लगे। साथ ही हाथापाई और धक्का-मुक्की करने लगे।
भागलपुर। कांग्रेस भवन में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में शुक्रवार को खुलकर पार्टी की गुटबाजी सामने आई। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और हंगामा करने लगे। साथ ही हाथापाई और धक्का-मुक्की करने लगे। इससे हॉल में भगदड़ मच गई। यह देख अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव सह बिहार प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर जान बचाकर भाग खड़े हुए। वहीं कहलगांव विधायक सदानंद सिंह धक्का-मुक्की के दौरान पसीने-पसीने हो गए और उनकी तबीयत बिगड़ गई।
पार्टी की ओर से 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया गया था। सम्मेलन को मुख्य रूप से बिहार प्रभारी राठौर संबोधित करने वाले थे। सम्मेलन में पार्टी के 24 कार्यकर्ता बोल चुके थे। लेकिन नगर विधायक अजीत शर्मा ने जैसे ही माइक थामा, मंच के करीब खड़े कार्यकर्ता प्रवीण सिंह जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। इसके बाद हंगामा बढ़ गया। प्रवीण सिंह कुशवाहा और अजीत शर्मा गुट के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। फिर कार्यकर्ता हाथापाई और धक्का-मुक्की करने लगे। यह देख पार्टी के प्रदेश प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर जान बचाकर बाहर निकले और अपनी गाड़ी से तुरंत निकल गए। हंगामे के दौरान सदानंद सिंह की तबीयत बिगड़ गई। कार्यकर्ता उन्हें पंखा झेलने लगे।
प्रवीण सिंह और विपिन बिहारी पर होगी कार्रवाई
जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष गिरीश प्रसाद सिंह ने कहा कि सभी प्रखंड अध्यक्षों के भाषण देने के बाद प्रवीण सिंह ने भाषण के दौरान सदानंद सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने डेलीगेट नहीं बनने दिए, विधानसभा का टिकट भी नहीं देने दिया इसीलिए हंगामा हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी के निर्देश पर प्रवीण सिंह कुशवाहा और विपिन बिहारी यादव पर कार्रवाई के लिए आलाकमान को पत्र लिखा जाएगा। इस बाबत प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
कार्यकर्ता अहंकार में डूबे हैं : सदानंद सिंह
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कहलगांव विधायक सदानंद सिंह ने कहा कि कुछ कार्यकर्ता अहंकार में डूबे हुए हैं। उन्हें अपना धरातल नहीं दिखता। जनता विधायक बनाती है। इसलिए विधायक को पार्टी का सहयोग चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि हंगामे के बाद भी अजीत शर्मा संयमित और अनुशासन में थे।
हंगामा सुनियोजित था : अजीत शर्मा
विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि हंगामा सुनियोजित था। हंगामा करने वाले पार्टी के कार्यकर्ता नहीं थे। जिन्हें विधानसभा का टिकट नहीं मिला उन्होंने अपनी खीझ निकाली है।
घटना दुखद है : प्रवीण सिंह
प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि घटना दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए था।