Move to Jagran APP

सीएम की नवजीवन योजना से कुष्ठ पीडि़तों को मिलेगा नया जीवन, जानिए क्या है योजना

समाज में व्याप्त भ्रांति को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री नवजीवन योजना को पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के सफल संचालन से कुष्ठ ग्रस्त लोगों को नया जीवन मिलेगा। यह योजना बिहार शताब्दी कुष्ठ कल्याण योजना द्वारा संचालित है

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 04:53 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 04:53 PM (IST)
सीएम की नवजीवन योजना से कुष्ठ पीडि़तों को मिलेगा नया जीवन, जानिए क्या है योजना
योजना का लाभ देने को तैयार होगा सम विकास पोर्टल

कटिहार [नीरज कुमार] । कुष्ठ पीडि़त रोगियों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे एवं इस बीमारी को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांति को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री नवजीवन योजना को पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में कुष्ठ ग्रस्त लोगों के लिए बिहार शताब्दी कुष्ठ कल्याण योजना संचालित की जा रही है। अब इस योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री नवजीवन योजना होगा। राज्य व केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजना से कुष्ठ रोगियों को लाभान्वित करने के लिए समविकास पोर्टल तैयार किया जाएगा।

loksabha election banner

पोर्टल पर अपलोड कुष्ठ रोगियों का पूरा डाटाबेस

स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वेक्षण के आधार पर ग्रेड वन एवं ग्रेड टू के कुष्ठ रोगियों का पूरा डाटाबेस इस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। पात्रता के आधार पर लाभुक को भूमि, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राशनकार्ड सहित अन्य योजना का लाभ से आच्छादित किया जाएगा। राज्य में वर्तमान में कुष्ठ रोगियों की संख्या 15252 होने का अनुमान है। कटिहार में कुष्ठ पीडृतिों की संख्या 132 है। नवजीवन योजना के तहत बिहार शताब्दी कुष्ठ कल्याण योजना से मिलने वाली 1500 रूपया की सहायता राशि कुष्ठ पीडृतिों को समाज की मुख्यधारा में जोड़े जाने तक मिलती रहेगी। इस योजना के तहत किसी तरह की नई स्वीकृति नहीं दी जाएगी। 60 वर्ष से अधिक आयु के कुष्ठ पीडृति जो वृद्धाश्रम में रहने के इच्छुक हैं, उन्हें वहां आवासित किया जाएगा। वृद्धाश्रम में आवासित होने के बाद उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री भिक्षावृति निवारण योजना, स्वरोजगार ऋण से लाभान्वित अर्थोपार्जन में सक्षम कुष्ठ पीडृति को इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।

सर्वे एवं प्रमाणीकरण कार्यक्रम का होगा संचालन

इस कार्यक्रम के तहत समय-समय पर अभियान चलाकर आशा कार्यकर्ता एवं अन्य सक्षम कर्मियों द्वारा कुष्ठ रोगियों की स्क्रीङ्क्षनग की जाएगी। स्क्रीङ्क्षनग के दौरान ही कुष्ठ पीडृतिों को चिन्हित करने का काम किया जाएगा। प्रभावित लोगों को चिन्हित किए जाने के साथ ही नजदीकी प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए निबंधित कराया जाएगा। गंभीर मामलों में सदर अस्पताल रेफर किया जाएगा। स्क्रीङ्क्षनग के आधार पर ग्रेड वन एवं टू से संबंधित कुष्ठ रोगी को समविकास पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। योजना के तहत कुष्ठ पीडृतिों को परामर्शी एवं विधिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य में कई स्थानों पर कुष्ठ रोगियों के लिए अलग अलग आवासीय परिसर है। नवजीवन योजना के तहत इन आवासीय परिसर के सौंदर्यीकरण के साथ नामकरण किया जाएगा ताकि संबंधित स्थान की पहचान कुष्ठ से नहीं हो पाए।

क्या कहते हैं सहायक निदेशक

सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक राजीव रंजन ने कहा कि कुष्ठ पीडि़तों को समाज की मुख्यधारा में जोडऩे एवं इस बीमारी को लेकर समाज में फैली भ्रांति को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री नवजीवन योजना को शुरू करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में संचालित बिहार शताब्दी कुष्ठ कल्याण योजना की जगह नवजीवन योजना से कुष्ठ प्रभावित लोगों को लाभान्वित किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.