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नीतीश बोले- केवल किताबी ज्ञान नहीं शिक्षा, विकास से समझौता नहीं करेगी सरकार

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को मुंगेर विवि के प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया। इसके बाद लखीसराय में भी कई योजनाओं का शिलान्‍यास किया।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 02:59 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 04:31 PM (IST)
नीतीश बोले- केवल किताबी ज्ञान नहीं शिक्षा, विकास से समझौता नहीं करेगी सरकार

मुंगेर/ लखीयराय [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षा का मतलब केवल किताबी ज्ञान नहीं, हमें शिक्षा के व्यापक अर्थ को समझना होगा। मुख्यमंत्री रविवार को मुंगेर में मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के उद्घाटन के बाद संबोधित कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने  लखीसराय में करीब नौ सिंचाई योजनाओं तथा मोटर स्टैंंड एवं दुकान निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। लखीसराय में उन्‍होंने कहा कि सरकार ने विकास के साथ कोई समझौता नहीं किया है।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को मुंगेर व लखीसराय में थे। उन्‍होंने मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का उद्धघाटन किया। इसके बाद लखीसराय जिले के माणिकपुर गांव जाकर करीब 100 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली वृहत सिंचाई योजना का शिलान्यास किया। लखीसराय में मुख्यमंत्री ने पंचम राज्य वित्त आयोग योजना के तहत जिला परिषद निधि से सूर्यगढ़ा निरीक्षण भवन की खाली जमीन पर 99.50 लाख रुपये की लागत से बनने वाले मोटर स्टैंंड एवं दुकान निर्माण कार्य का भी शिलान्यास किया।

मुंगेर विवि प्रशासनिक भवन का किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुबह में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के साथ मुंगेर पहुंचे। वहां सफ‍ियाबाद एयरपोर्ट पर ग्रामीण कार्यमंत्री शैलेश कुमार तथा भाजपा के प्रदेश प्रवक्‍ता प्रो. अजफर शमशी सह‍ित जदयू व भाजपा के कई नेताओं ने उनका स्वागत किया। वहां से मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री मुंगेर व‍िश्वव‍िद्यालय के प्रशासन‍िक भवन का उद्घाटन करने गए।

मुख्यमंत्री बोले: शिक्षा का स्तर बढ़ाएं विवि

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जाे तीन नए विश्वविद्यालय बनाए गए हैं, उनमें मुंगेर विश्‍वविद्यालय भी शामिल है। मैंने महसूस किया कि प्रमंडल स्‍तर पर विश्वविद्यालय बनें। मुंगेर व पूर्णिया में विश्वविद्यालय की मांग लगातार मांग उठ रही थी। इसके लिए मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति ने रोड मैप तैयार किया।

बिहार में स्कूली शिक्षा पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले 12.5 प्रतिशत बच्चे विद्यालय से बाहर रहते थे। इन बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने के लिए 22 हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालय बनाए गए। तीन लाख से अधिक शिक्षकों का नियोजन किया गया। तीन से चार वर्ष में ही  यह लक्ष्य हासिल हो गया। अब एक प्रतिशत से भी कम बच्चे विद्यालय से बाहर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्ययन में यह बात सामने आई कि विद्यालय से बाहर रहने वाले बच्चों में दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चे अधिक थे। इसके लिए टोला सेवक और तालिमी मरकज की बहाली की गई। लड़कियों को भी अभिभावक विद्यालय भेजें, इसके लिए 2007 में पोशाक योजना की शुरुआत की गई। साइकिल योजना की शुरुआत भी की गई। इसके बाद जब गांव-गांव में लड़कियां साइकिल चलाकर स्कूल जाने लगीं तो समाज की सोच बदली। आज नौ लाख से अधिक लड़कियां नौंवीं क्लास में पढ़ रहीं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में हाइ स्कूल खोले जाएंगे। इसके साथ राज्‍य सरकार उच्‍च शिक्षा पर भी ध्‍यान दे रही है। पहले विश्वविद्यालय नहीं खोले जा रहे थे। इस सरकार ने विश्वविद्यालय भी खोले हैं। उन्‍होंने कहा कि विश्वविद्यालय का काम शिक्षा की व्यापकता पर काम करना है। विश्‍वविद्यालय सभी कालेजों में शिक्षा के स्‍तर को बढ़ाएं। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा का मतलब सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, शिक्षा के व्यापक अर्थ को समझना होगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा सूबे में शिक्षा दर में वृद्धि लाने के लिए युद्ध स्तर पर चलाए गए कार्यक्रमों के चलते इसमें अपेक्षित सफलता मिली है। सूबे में अब 12.5 फीसद की जगह एक फीसद से भी कम बच्चे विद्यालय से बाहर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य राज्य में 22000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना व तीन लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली कर तीन-चार सालों में ही हासिल कर लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि विद्यालय से बाहर रहने वाले बच्चों में दलित व अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे अधिक थे। फलत: उन्हें स्कूल तक लाने के लिए टोला सेवकों व तालिमी मरकज की बहाली की गई। छात्राओं को अभिभावक मध्य विद्यालय नहीं भेजते थे। इसे देख वर्ष 2007 से पोशाक योजना की शुरुआत की गई। इसके बाद साइकिल योजना शुरू की गई। इससे राज्य में शिक्षा की दर में तेजी से इजाफा हो रहा है। उन्होंने शिक्षकों से छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने को कहा। 

अब विवि के नाम से जाना जाएगा मुंगेर : उपमुख्यमंत्री

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुंगेर कभी मीर कासिम की राजधानी के रूप में जाने जाती थी। बाद में योग विद्यालय इसकी पहचान बनी। अब मुंगेर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। बिहार में हमारी सरकार आने के बाद अब छह नए विश्वविद्यालय खोले गए हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में कॉलेजों में शिक्षकों की कोई कमी नहीं होगी। बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली हो रही है। शिक्षकों को नियमित वेतन का भुगतान किया जा रहा है। बिहार के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को शीघ्र ही नए वेतनमान का लाभ मिलेगा। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में हमारी सरकार आने के बाद से अब तक छह नए विश्वविद्यालय खोले जा चुके हैं। आने वाले दिनों में कॉलेजों में शिक्षकों की कोई कमी नहीं होगी। बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली की जा रही है। बिहार के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को शीघ्र नए वेतनमान का लाभ मिलेगा। उन्होंने शिक्षकों व छात्रों से अपील की कि वे नियमित कक्षा आएं

इन मंत्रियों ने भी कही ये बात

शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक काम हुआ है। शिक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। मुंगेर विश्वविद्यालय अपने उद्​देश्यों को पूरा करने में सफल होगा। इस असवर पर उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने भी कहा कि आने वाले समय में बिहार के युवाओं को गुणवत्ता पूर्ण तकनीकी एचं उच्च शिक्षा मिले, इसके लिए प्रयास जारी रहेंगे।

लखीसराय में भी किया योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन
मुंगेर के बाद मुख्यमंत्री लखीसराय के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत माणिकपुर गांव में करीब सौ करोड़ की कुल नौ सिचांई योजनाओं का शिलान्यास करने गए। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि नौ सिंचाई योजनाओं से 23,500 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। 15 महीने के अंदर ये काम पूरा होगा और वे फिर आकर उद्घाटन करेंगे।
उन्‍होंने कहा कि जब उनकी सरकार सत्‍ता में आई थी, तब किसानों की दशा दयनीय थी। उत्पादकता निराशाजनक थी। दिल्ली में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जब कृषि विभाग की बैठकें बुलाईं तो बिहार का मजाक उड़ाया गया था। लेकिन आज बिहार गेहूं, मक्का और धान की उत्पादकता में देश में अव्वल है। बिहार गोपालन में भी अव्वल है। सब्जी की खेती में हम तीसरे स्थान पर हैं। किसानों के लिए कृषि रोड मैप बनाया गया है। किसानों को उत्पादन के लिए बाजार मिले इसके लिए गांव-टोले तक सड़कें बनाई जा रहीं हैं।
मुख्‍यमंत्री ने कहा कि हर गांव-टोले तक बिजली पहुंच चुकी है। प्रत्येक घर तक बिजली पहुंच रही है। दिसंबर 2018 का लक्ष्य था, लेकिन इसे पहले ही पूरा कर लिया गया है।  उन्‍होंने कहा कि सरकार ने विकास के साथ कोई समझौता नहीं किया है।


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