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चुनावी बिगुल में गुम हुई शादी की शहनाई

चुनावी बिगुल में शादी की शहनाइयां गुम होती दिख रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 10:34 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 10:34 PM (IST)
चुनावी बिगुल में गुम हुई शादी की शहनाई
चुनावी बिगुल में गुम हुई शादी की शहनाई

(राहुल कुमार) बांका। शादी-ब्याह का मौसम शुरू होने वाला है। इस बीच लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व लोकसभा चुनाव भी होने जा रहा है। इस कारण चुनावी बिगुल में शादी की शहनाइयां गुम होती दिख रही हैं। अधिकांश लोग शुभ मुहूर्त होने के बावजूद इसे टालने को विवश हो रहे हैं।

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दरअसल 14 अप्रैल को खरमास समाप्त हो रहा है। इसके बाद शादी की शहनाइयां बजने लगती हैं। लेकिन इस बार अप्रैल माह से लोकसभा चुनाव भी होने जा रहा है जो मई के अंतिम सप्ताह तक संपन्न होगा। चुनाव के कारण आम लोगों से लेकर पार्टी के कार्यकर्ता और नेता सभी चुनाव में व्यस्त रहेंगे। वहीं इस दौरान वाहनों और अन्य जरूरत की चीजों के लिए परेशानी उठानी पड़ सकती है। ऐसे में लोग पंडितों से लोकसभा चुनाव के बाद का ही शुभ मुहूर्त दिखवा रहे हैं। वहीं जिनकी शादियां पहले से तय हो चुकी थीं वे भी चुनाव के दौरान होने वाली परेशानियों को देखते हुए इसे टाल रहे हैं। हालांकि जो पहले से ही सतर्क थे उन्होंने मई में तिथि निर्धारित कर रहे हैं। लेकिन जिन्हें इसका ध्यान नहीं था, उन्होंने वाहन, हलवाई और रिश्तेदारों ने समझा दिया है।

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15 अप्रैल से लगातार शुभ मुहूर्त

पंडित संजीव चौधरी कहते हैं कि 14 अप्रैल तक खरमास के कारण शादी विवाह का लग्न नहीं है। लेकिन, 15 अप्रैल से लगातार शादियों की तिथि है। चुनाव के कारण बांका आसपास में शुरुआती लग्न में कम शादियां हैं। 20 अप्रैल के बाद ही कुछ शादियों की तिथि निर्धारित की जा रही है। मई प्रथम सप्ताह से इसमें गति आएगी। बांका के प्रभात सिंह ने बताया कि बेटे की शादी अप्रैल में करनी थी। लेकिन वाहन नहीं मिलने के कारण उन्होंने इसे मई में बढ़ा दिया। बसंत सिंह, जनार्दन मंडल आदि को भी इसकी तिथि बदलनी पड़ी।

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गाड़ी वालों ने महीने भर पूर्व से ही खड़े कर दिए हाथ

शादी की तिथियों पर सबसे पहला ब्रेक वाहन वालों ने ही लगा दिया है। चुनाव की संभावना को लेकर वाहन मालिक एक महीने पूर्व से ही मार्च और अप्रैल की बुकिग नहीं कर रहे हैं। अगर कोई वाहन बुक करना भी चाह रहा है तो उसे वाहन पकड़े जाने के बाद बुकिग की कोई गारंटी नहीं दी जा रही है। वाहन मालिक सोनू, विजय सिंह आदि ने बताया कि 15 अप्रैल के बाद की बुकिग के लिए एक महीने पूर्व से लोग आ रहे हैं। लेकिन, चुनाव तिथि के कारण वाहन बुक नहीं कर रहे हैं। अब 18 अप्रैल की तिथि तय होने के बाद इसके बाद की तिथि पर बुक के लिए वाहन तैयार है। लेकिन, अब लोग ही इसके लिए नहीं आ रहे हैं। उनलोगों के पास मई की बुकिग पहले से है।

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चुनाव में 24 सौ वाहनों की आवश्यकता

जिला में निश्चित रूप से चारपहिया वाहनों की संख्या बढ़ी है। लेकिन, जिला भर के करीब 15 सौ मतदान केंद्र पर शांतिपूर्ण मतदान के लिए प्रशासन ने 24 सौ वाहनों की जरूरत बताई है। इसके लिए बस के अलावा सभी प्रकार का बोलेरो, स्कार्पियो, ट्रैक्टर, ऑटो तक को जब्त करने का निर्णय लिया गया है। अप्रैल के पहले सप्ताह से वाहन जमा करने का काम शुरू हो जाएगा। वैसे अभी भी प्रशासन जरूरत के हिसाब से कुछ वाहनों को जब्त कर रहा है।


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