सृजन घोटाला : मनीसूट के लिए CS ने मांगे 55 हजार रुपये, सार्टिफिकेट केस की सुनवाई आज Bhagalpur News
12 सितंबर 2017 को सृजन में स्वास्थ्य विभाग की राशि जाने की बात सामने आई थी। शुरूआती तफ्तीश में विभाग के एक करोड़ रुपये सृजन के खाते में जाने की बात सामने आई थी।
भागलपुर [जेएनएन]। सृजन घोटाला के मामले में सिविल सर्जन मनीसूट दायर करेंगे। इसके लिए 55 हजार रुपये स्वास्थ्य विभाग से मांगा गया है। स्वास्थ्य विभाग का 40 लाख 75 हजार 483 रुपये सृजन में जाने की जानकारी मिली है। निलाम पत्र वाद बैंक के विरुद्ध दायर किया गया है। जिसकी सुनवाई मंगलवार को होगी। डीएम ने सिविल सर्जन को मनीसूट दायर करने का निर्देश दिया था।
पूर्व सिविल सर्जन डॉ उदय शंकर चौधरी पर बैंक द्वारा 40,75483 रुपये के सरकारी राशि का गबन कर सृजन महिला विकास संस्थान के सबौर खाते में जमा किये जाने व उक्त राशि का दुरुपयोग करने का आरोप है। मामला उजागर होने के बाद तत्कालीन सिविल सर्जन के विरूद्ध आरोप गठित कर भेजा गया है। उन पर विभागीय कार्रवाई चल रही हैं। हालांकि, जांच कर रही टीम की रिपोर्ट में उन पर आरोप प्रमाणित नहीं हुआ है। इस रिपोर्ट से असहमत होते हुए विभाग ने चौधरी से दूसरी बार पांच दिसंबर 2018 को शोकॉज किया। रोकड़पाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के तहत निलंबित कर दिया गया है।
कब गई सृजन के खाते में राशि
12 सितंबर 2017 को सृजन में स्वास्थ्य विभाग की राशि जाने की बात सामने आई थी। शुरूआती तफ्तीश में विभाग के एक करोड़ रुपये सृजन के खाते में जाने की बात सामने आई थी। दिसम्बर 2016 में स्वास्थ्य विभाग के रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते के बजाय सृजन के खाते में जमा कर दिए गए थे। घोटाले का उजागर एसएसपी द्वारा गठित एसआइटी की टीम ने की थी। घोटाला उजागर होने के वक्त सौ करोड़ रुपये सृजन में जमा होने की बात कही जा रही थी।
छह महीने का कार्यकाल बढ़ा
सृजन महिला सहयोग समिति के कागजातों की देखरेख करने वाले प्रशासक यानि सहकारिता प्रसार पदाधिकारी का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दी गई है। उनका कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हो रहा था। डीएस के आदेश पर उनका कार्यकाल बढ़ाया गया है।
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