बरारी के पास गंगा पर नए पुल के लिए मिला उपयुक्त स्थल
विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले नए पुल के निर्माणस्थल का केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की टीम ने बुधवार को निरीक्षण किया।
भागलपुर । विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले नए पुल के निर्माणस्थल का केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की टीम ने बुधवार को निरीक्षण किया। टीम ने पुल के लिए प्रस्तावित बरारी और खानकिता दोनों स्थलों की जांच की। जांच के दौरान टीम के अधिकारियों ने बरारी के पास नए पुल के निर्माण के लिए अधिक उपयुक्त जगह पाया। टीम इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय पुल के निर्माण स्थल को मंजूरी देगी।
प्रधानमंत्री पैकेज से 1723 करोड़ की लागत से बनने वाले नए फोरलेन पुल के लिए केंद्रीय टीम ने बरारी और खानकिता दोनों स्थलों पर जमीन की चौड़ाई की मापी कराई। बरारी में 45 मीटर चौड़ी जमीन पाई गई। टीम में शामिल अधिकारियों ने बताया कि बरारी श्मशान घाट के पास नए पुल के लिए ज्यादा भूमि का अधिग्रहण नहीं करना होगा। यहां मात्र पांच सौ मीटर ही पहुंच पथ भी बनाना पड़ेगा। पुल की लंबाई भी विक्रमशिला सेतु की के बराबर 4.5 किलोमीटर ही होगी। इससे जीरोमाइल से नवगछिया तक की दूरी 15 किलोमीटर ही रहेगी, जिसमें 4.5 किलोमीटर पुल भी शामिल है। वहीं, खानकिता के पास पुल बनने से जीरोमाइल से नवगछिया तक की दूरी लगभग चार किलोमीटर बढ़ जाएगी। बाइपास की लंबाई 1.8 किमी बढ़ानी होगी
अधिकारियों के मुताबिक खानकिता के पास नए पुल के लिए ज्यादा जमीन का अधिग्रहण करना होगा। पुल की लंबाई 5.5 किलोमीटर होगी। यहां बनने पर नवगछिया माकनपुर या कुर्सेला से पहले एनएच-31 से मिलाने के ओवर ब्रिज (आरओबी) बनाना होगा। भागलपुर की तरफ पुल को स्थायी बाइपास से जोड़ने के लिए 1.8 किलोमीटर अतिरिक्त सड़क को घुमा कर लाना होगा। बरारी के पास पुल के निर्माण के लिए बनाई गई है डीपीआर
बरारी श्मशान घाट के पास नए पुल के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया गया है। जुलाई में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की टीम ने स्थल की जांच रिपोर्ट में बरारी श्मशान घाट के पास पुल के निर्माण पर सहमति जताई थी। इसी आधार पर गंगा की मिट्टी की जांच कराई गई थी। बुधवार को एक बार फिर केंद्रीय टीम ने स्थल की जांच की, जांच रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय पुल के निर्माण स्थल को स्वीकृति देगी। पुल का काम अगले साल मई से जून तक शुरू कराने का लक्ष्य रखा गया है।
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ये अधिकारी टीम में थे शामिल
एनएच विभाग के मुख्य अभियंता अनिल कुमार सिन्हा, मंत्रालय के अधीक्षण अभियंता एसके कुशवाहा व प्रभाशंकर कोकिल, कार्यपालक अभियंता धनवीर साहू, एनएच विभाग के कार्यपालक अभियंता राजकुमार, वरीय परियोजना अभियंता राम सुरेश राय, सहायक अभियंता अरेंद्र कुमार, अनिल कुमार झा व डीपीआर बनाने वाली एजेंसी के अधिकारी निरीक्षण में शामिल थे।