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सृजन घोटाला : मुख्य आरोपित अमित और प्रिया के घर पर CBI ने चिपकाया इश्तेहार Bhagalpur News

सृजन घोटाले मामले में दोनों अब तक फरार हैं। घटना की मास्टरमाइंड और अमित की मां मनोरमा देवी की मौत घोटाला उजागर होने से पहले ही हो गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 02:29 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 02:29 PM (IST)
सृजन घोटाला :  मुख्य आरोपित अमित और प्रिया के घर पर CBI ने चिपकाया इश्तेहार Bhagalpur News
सृजन घोटाला : मुख्य आरोपित अमित और प्रिया के घर पर CBI ने चिपकाया इश्तेहार Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। सृजन घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने अमित कुमार और उसकी पत्नी प्रिया कुमार की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को सीबीआइ ने दोनों के तिलकामांझी, न्यू विक्रमशिला कॉलोनी के प्राणवती लेन स्थित चार मकनों में ढोल बजाकर संपत्ति कुर्की-जब्ती के लिए इश्तेहार चिपकाया। इसके लिए पटना और सबौर स्थित सीबीआइ के कैंप कार्यालय से अफसर पहुंचे थे।

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घोटाले में 21 सौ करोड़ से ज्यादा सरकारी राशि का गबन हुआ है। अमित और प्रिया घोटाले की मास्टर माइंड मनोरमा देवी के बेटे-बहू हैं। प्रिया कुमार सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की सचिव भी है। घोटाला उजागर होने के बाद से ही दोनों के फरार हैं। इनके विरुद्ध पटना स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने 18 सितंबर को ही इश्तेहार जारी किया था। इश्तेहार लेकर पहुंची सीबीआइ की टीम की मदद के लिए स्थानीय स्तर पर इंस्पेक्टर मसूद अशरफी और तिलकामांझी पुलिस मौजूद थी। सृजन घोटाला में सीबीआइ ने हाल ही में तत्कालीन कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार की फरार प}ी इंदू गुप्ता की संपत्ति जब्त की है।

दो घर में रह रहे किराएदारों को अल्टीमेटम : अमित कुमार के दो घरों में पांच परिवार किराए पर रहते हैं। सीबीआइ की टीम ने उन लोगों को मकान खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। अन्यथा कुर्की जब्ती के दौरान उन लोगों को परेशानी हो सकती है। अमित कुमार के आवास के ठीक पीछे वाले मकान में बेगूसराय निवासी रामवृक्ष सहनी का परिवार रहता है। उसने बताया कि डेढ़ साल से उन लोगों ने किराया नहीं दिया है। वे लोग जल्द ही घर खाली कर देंगे।


क्या है मामला :
सृजन घोटाले का पता आठ अगस्त 2017 को चला था। तब जिला नजारत शाखा के तत्कालीन नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव के बयान पर तिलकामांझी चौकी में 10.26 करोड़ सरकारी राशि की अवैध निकासी का केस दर्ज हुआ था। यह केस तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के निर्देश पर हुआ था। इसमें आरोप था कि जिलाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर किया चेक इंडियन बैंक की पटल बाबू रोड स्थित शाखा को दिया गया। यह चेक सरकारी खाते में जमा नहीं होकर सृजन संस्था के खाते में जमा किया गया। डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी से इसकी जांच कराई थी। इसके बाद घोटाले की परत दर परत उतरती चली गई। 2100 करोड़ रुपये से अधिक घोटाला सामने आ चुका है।

बता दें कि कुछ दिन पहले सृजन घोटाले के मुख्य आरोपित तत्कालीन कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार की पत्नी इंदू गुप्ता के फरार होने की स्थिति में पटना स्थित संपत्ति की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई सीबीआइ द्वारा की गई थी।


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