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बोले व्‍यवसायी - सुनिए वित्त मंत्री जी, उद्यमियों के हित में हो इस बार का आम बजट

वर्ष 2021-22 के आम बजट से व्यापारी उद्यमियों को खास उम्मीद है। वर्ष 2020 कोरोना वायरस से जूझता रहा। इस कारण इस बार के बजट में व्‍यापारियों के हित में विशेष योजना बनाने की उम्‍मीद है। कोरोना ने व्‍यापारियों का कमर तोड़ दिया है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 01:43 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 01:43 PM (IST)
बोले व्‍यवसायी - सुनिए वित्त मंत्री जी, उद्यमियों के हित में हो इस बार का आम बजट
भागलपुर के व्‍यापारियों से इस बार के बजट से काफी उम्‍मीद है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। फरवरी में पेश होने जा रही वर्ष 2021-22 के आम बजट से व्यापारी, उद्यमियों को खास उम्मीद है। लॉकडाउन में बिगड़ी देश की अर्थ व्यवस्था के बाद इस साल की बजट से सभी वर्ग के लोग आस लगाए बैठें हैं। भागलपुर के भी लघु उद्यमियों को इस बजट पर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जिले में सूक्ष्म और लघु उद्योगों की संख्या पांच सौ के करीब है, इसमें ज्यादातर दम तोड़ दिया है। बंद के कगार पर हैं। कुछ चालू हाल में है उसे भी इस बार लॉकडाउन की नजर लग गई है। ऐसे में यहां के लघु उद्यमियों को वित्त मंत्री से खास उम्मीद लगाए बैठें हैं। उद्यमियों ने वित्त मंत्री से बेहतर बजट पेश करने की आशा जताई है।

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लॉकडाउन ने लघु उद्योगों की कमर तोड़ दी है। कोरोना महामारी में उद्यमियों का हाल काफी खराब हो गया है। लॉकडाउन के बाद भी बाजार में खाद्य आपूर्ति की कमी नहीं होने दिया। ऐसे में केंद्र सरकार का भी हक बनता है कि लॉकडाउन में कारोबार को हुई क्षति को किसी तरफ भारपाई कर राहत पहुंचाएं। इस बार आम बजट में जीएसटी में राहत देने की जरूरत है। आयकर में लघु उद्यमियों को छूट मिले। इंड्रस्ट्रीयल एरिया प्रबंधन से कारोबारियों को किसी तरह का सपोर्ट नहीं मिलता। इन सभी बिंदुओं पर वित्त मंत्री को ध्यान देने की जरूरत है।-गोविंद कुमार केडिया, पाटनर्स, मेसर्स श्री वीणा उद्योग (गुलाब सतू)।

-लॉकडाउन में स्कूल-कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद रहने से कागज कारोबार से जुड़े लघु उद्यमियों को खासा नुकसान हुआ है। कारोबार 20 फीसद तक पहुंच गया है। ऐसे में केंद्रीय वित्त मंत्री को इस बार के बजट में उद्यमियों को राहत देना चाहिए। जिले में लॉकडाउन से पहले कागज का कारोबार छह से सात करोड़ का था। अब यह 30 से 40 लाख के बीच सिमट गया है। इस बार के बजट से काफी आस है। आयकर और जीएसटी टैक्स में छूट मिलना चाहिए, ताकि उद्यमियों को राहत मिले और कोरोबार फिर से पटरी पर लौट सके। -गोपाल खेत्रीवाल, संचालक, भगवती शारदा पेपर।


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