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Boycott of chinese goods : दो करोड़ का चाइनीज खिलौना डंप, नहीं पहुंच रहे खरीदार, लोग क्यों कर रहे तौबा

लॉकडाउन में दुकानें तो खुल गई लेकिन लोग चीन में बने उत्पाद को खरीदने से परहेज कर रहे हैं। हाल यह है कि यहां के चाइना मिनी मार्किट में दो से ढाई करोड़ का चाइनीज सामान डंप है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 01:37 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 01:37 PM (IST)
Boycott of chinese goods : दो करोड़ का चाइनीज खिलौना डंप, नहीं पहुंच रहे खरीदार, लोग क्यों कर रहे तौबा
Boycott of chinese goods : दो करोड़ का चाइनीज खिलौना डंप, नहीं पहुंच रहे खरीदार, लोग क्यों कर रहे तौबा

भागलपुर, जेएनएन। गलवान घाटी की घटना को हुए करीब ढाई महीने हो गए। भारत-चीन के बीच अभी भी तनाव की स्थिति है। सिल्क सिटी के लोग भी चीन की करतूत से खफा हैं। चीन की कायरता को भूल नहीं पा रहे हैं। चीन को लेकर शहरवासियों का आक्रोश अभी भी पहले की तरह है और अपना गुस्सा चीन निर्मित सामान को बहिष्कार कर उतार रहे हैं। लॉकडाउन में दुकानें तो खुल गई, लेकिन लोग चीन में बने उत्पाद को खरीदने से परहेज कर रहे हैं। हाल यह है कि यहां के चाइना मिनी मार्किट में दो से ढाई करोड़ का चाइनीज सामान डंप है। शहर में चाइनीज सामान की बिक्री घटकर महज आठ फीसद रह गई है। दुकानदार बताते हैं कि लोग अब चाइनीज सामान खरीदना नहीं चाहते हैं। बिक्री कम होने से  शहर में चीन के उत्पाद बेचने वाले करीब सौ दुकानदारों की कमर टूट गई है। वर्षों से चीन उत्पाद को बेचकर अपना और परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। कई दुकानदार करोड़ों का डंप चाइनीज सामान कैसे निकलेगा यह सोचकर घबरा रहे हैं। दरअसल, भागलपुर शहर में चाइनीज सामानों की बिक्री की दो मार्केट में होती है। सौ के करीब वर्षों से इस धंधे में जुड़े हैं। लॉकडाउन से पहले यहां हर महीने 35 से 40 लाख रुपये का चाइनीज उत्पाद की बिक्री होती है। लगन और दीवाली के समय बिक्री बढ़ जाती है। लॉकडाउन के बीच दुकानें खुलीं तो ग्राहकों की संख्या कुछ कम हुई। लोगों ने चीन उत्पाद से मुंह ही मोड़ लिया।

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चाइनीज हेलीकॉप्टर और डांसिंग खिलौने नहीं, स्वदेशी पसंद

चाइना मार्केट के दुकानदार मु. चिराग, मनोज शाह, सनीम भाई, वासिफ का कहना है कि चाइनीज सामानों की बिक्री पूरी तरह ठप हो गई है। चीन निर्मित डांसिंग लाइट, हेलीकॉप्टर, ट्रेन, बुलेट ट्रेन, गन, शार्प गन, कार जैसे कई खिलौने दुकानों की शोभा बढ़ा रही है। लोगों को चाइनीज नहीं भारतीय खिलौने पसंद आ रहे हैं। इस कारण चीन खिलौने की बिक्री कम गई है। मु. चिराग ने बताया कि लॉकडाउन से पहले एक दुकानदार एक दुकानों में 30 से 35 हजार की बिक्री हर दिन होती थी। अभी दो हजार भी नहीं हो रही है। की बिक्री नहीं हो रही है। शहर में करीब तीन दर्जन दुकानों में चीन में निर्मित मोबाइल बिकते हैं। यहां के दुकानों में लो से उच्च रेंज की मोबाइल है। हर माह पांच से छह करोड़ का मोबाइल की बिक्री होती है। मोबाइल दुकानदार शशिकांत गोस्वामी, अजित कुमार, बंटी ने बताया की अनलॉक एक मे सिर्फ सात करोड़ के मोबाइल की बिक्री हुई है। इसमें ज्यादातर चीन में बने मोबाइल है।

होली से पहले चीन से आए थे सामान

भागलपुर के बाजार में मार्च से चीन उत्पाद बेचने वाले दुकानदार सामान की आपूर्ति कोलकाता औऱ दिल्ली से की थी। दुकानदारों ने लाखों रुपये लगाकर अपना कारोबार तैयार किए है। शहर के चाइना मार्केट, शाह मार्केट,ततारपुर, नाथनगर, तिलकामांझी एक ऐसा मार्केट है जहां छोटे मोट कारोबारी अपनी दुकान चलाते है और अपने दुकान में लाखो रुपये की चाइनीज समान रखते है। चीन में बने मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का हब है, यहां पिछले दिनों बिक्री में कुछ गिरावट जरूर आई है, लेकिन वो चाइनीज प्रोडक्ट्स के बहिष्कार से वहा के कारोबारी परेशान है, लॉकडाउन के बाद उपजी मंदी से ये कहना मुश्किल है यहां के दुकानदारों के पास अभी भी चाइनीज सामान भरे पड़े हैं और बिक्री कम हो रही है।

चाइना मार्केट का इतिहास

शहर के स्टेशन और बाटा गली के पास चाइना मार्केट से प्रसिद्ध इस मार्केट का इतिहास काफी पुराना है। इसका वास्तविक नाम न्यू मार्केट है। इस मार्केट में करीब तीन दर्जन दुकानदार चाइनीज उत्पादों को 15 से 20 वर्ष से बेच रहे हैं। मार्केट की सभी दुकानों में चाइना उत्पाद बिकने की वजह से ग्राहकों ने इस मार्केट का नामांकन चाइना मार्केट कर दिया इसे चाइना मार्केट जानते हैं। वर्तमान में इस मार्केट की हालत काफी खस्ता हो गई है।


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