Bhagalpur: BJP नेता के भाई की ट्रेन में इलाज के अभाव में मौत, डॉक्टर बताकर फार्मासिस्ट ने किया ट्रीटमेंट
Alok Kumar MishraPublish Date: Sun, 19 Mar 2023 07:50 AM (IST)Updated Date: Sun, 19 Mar 2023 07:50 AM (IST)
भागलपुर, जागरण संवाददाता। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अभय वर्मन के बड़े भाई सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक अशोक वर्मन (71 वर्ष) की ट्रेन में तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। वे भीखनपुर के नेक नाम शाह लेन के रहने वाले थे। स्वजन का आरोप है कि शुक्रवार देर रात तीन बजे ट्रेन के भागलपुर पहुंचने पर डॉक्टर की जगह फार्मासिस्ट और टेक्निशियन ने प्राथमिक इलाज के लिए रेलवे अस्पताल लाया।
डॉक्टर की गैरमौजूदगी में उचित इलाज नहीं मिलने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। रेलवे के सुरक्षा बल के जवान ने इलाज कराने में सहयोग किया।
मृतक के पुत्र अभिजित ने भागलपुर रेल पुलिस को दिए गए लिखित शिकायत में कहा है कि अशोक वर्मन राजेंद्रनगर टर्मिनल-गोड्डा इंटरसिटी से भागलपुर आ रहे थे।
अभयपुर रेलवे स्टेशन के समीप उनकी तबीयत खराब होने पर इसकी जानकारी महिला सहयोगी ने मोबाइल पर दी।
उन्होंने मोबाइल पर यह भी बताया कि एस्कार्ट पार्टी द्वारा रेलवे कंट्रेाल रूम को भी जानकारी दी गई है। जमालपुर में डाक्टर आएंगे। हालांकि, जमालपुर पहुंचने पर कोई डॉक्टर अटेंड करने नहीं पहुंचे।
भागलपुर स्टेशन पर ट्रेन आने से पहले स्टेशन मास्टर से बात करने पर उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम से सूचना आई है। डॉक्टर आ रहे हैं। रेलवे कंट्रोल रूम द्वारा मेडिकल इमरजेंसी के लिए रेल डॉक्टर को कॉल किया गया। रेलवे डॉक्टर की जगह फार्मासिस्ट ने स्वयं को डाक्टर बताते हुए प्राथमिक इलाज शुरू कर दिया। इथोलिन एसआर दवाई देने के बाद उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन देना है।
परिजन का कहना है कि फोन पर मरीज को सांस लेने में तकलीफ की बात बताई गई थी। इसके बावजूद,
फार्मासिस्ट द्वारा आक्सीजन कंसंट्रेटर तक नहीं लगाया गया। इस संबंध में वरीय मंडल चिकित्सा पदाधिकारी डा. सत्येंद्र कुमार ने आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंनें बताया कि उनकी तबीयत खराब रहने के कारण मालदा से लौटने के बाद वह अस्पताल नहीं जा सके। उनकी जगह डॉ विनोद कुमार सिंह ड्यूटी पर थे। वह मिरजानहाट में रहते हैं।
रेलवे कंट्रेल से सूचना मिलने पर डा. विनोद ने फार्मासिस्ट और ओटी टेक्निशियन को तुरंत स्टेशन पहुंचने को कहा और खुद घर से निकल गए। स्टेशन पहुंचने में उन्हें पांच मिनट की देरी हुई। हालांकि, मरीज को अटेंड कर लिया गया। कोई सूई नहीं दी गई। सिर्फ सांस फूलने व दमा की टिकिया दी गई थी। सारी सुविधाएं अस्पताल में बताकर इलाज के लिए मरीज को स्ट्रेचर से ले जाया जाने लगा और रास्ते में मौत हो गई।
उन्होंने मृतक के स्वजनों पर चिकित्सक व अस्पताल कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है। इस संबंध में एसआरपी, आरपीएफ, स्टेशन मैनेजर समेत अन्य को जानकारी दे दी है। उनका कहना है कि यदि गलत दवाई से मौत हो गई है तो उन्हें पोस्टमार्टम कराने की बात कही गई। हालांकि, परिजन पोस्टमार्टम कराने से इनकार करते हुए शव लेकर घर चले गए।
Edited By: Aditi Choudhary