अररिया में बनेगा चिड़िया घर, पर्यटकों को मिलेगा बढ़ावा, उपमुख्यमंत्री का कार्यक्रम तय
89 एकड़ में फैला है अररिया का रानीगंज वृक्ष वाटिका। लोगों की बीच हो रही चर्चा क्षेत्र का होगा कायाकल्प। आंचलिक कथाकार फनिश्वर नाथ रेणु के सपनों की नगरी के रूप में जाने जाने वाला यह क्षेत्र के लिए वृक्ष वाटिका एक धरोहर के रूप में विकसित है।
जागरण संवाददाता, अररिया। जिले के रानीगंज प्रखंड के हसनपुर पंचायत में चिड़िया घर बनाने की हरी झंडी मिल गई है। चिड़िया घर बनाने को लेकर वन विभाग द्वारा प्रारूप भी तैयार कर सरकार को भेजा गया है। करोड़ों की लागत से रानीगंज वृक्ष वाटिका को चिड़िया घर के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे क्षेत्र में न सिर्फ रोजगार के अवसर मिलेंगे बल्कि टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद का वृक्ष वाटिका का निरीक्षण प्रोग्राम है। इससे लोगों में उम्मीदें और बढ़ गई है। क्षेत्र का कायाकल्प होने वाला है। इसकी चर्चा जोरों पर हो रही है कि बहुत जल्द रानीगंज में चिड़िया घर बनाने पर काम शुरू हो जाएगा।
289 एकड़ भूमि में फैला है वृक्ष वाटिका
रानीगंज वृक्ष वाटिका जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। पूर्णिया- फारबिसगंज एसएच 77 के पूरब किनारे हसनपुर पंचायत के बालू धीमा गांव में है। यह स्थल बिहार सरकार द्वारा अधिसूचित वन भूमि है। रानीगंज वृक्ष वाटिका क्षेत्र को पूर्व में हसनपुर बालू-धीमा के नाम से जाना जाता था। 289 एकड़ में फैले इस क्षेत्र को प्राकृतिक वन क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया है। करीब 2008 में तत्कालीन मंत्री रामजी दास ऋषिदेव ने वृक्ष वाटिका उद्घाटन किया गया था। वर्ष 2013 मुख्यमंत्री ने भी वृक्ष वाटिका का विजिट किया था।
अध्ययन के लिए पहुंचते विशेषज्ञ
आंचलिक कथाकार फनिश्वर नाथ रेणु के सपनों की नगरी के रूप में जाने जाने वाला यह क्षेत्र के लिए वृक्ष वाटिका एक धरोहर के रूप में विकसित है। यहां विशेषज्ञ अध्ययन के लिए पहुंचते हैं। वर्तमान में वृक्ष वाटिका सूबे एक अत्यंत दर्शनीय, मनोरम पर्यटन स्थल, प्रकृति एवं स्वास्थ्य प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल है। शोधार्थियों के लिए अध्ययन स्थल के रूप में जाना जाता है।
आठ हिरण, 32 अजगर का है निवास
सैकड़ों एकड़ में फैली वृक्ष वाटिका में सभी तरह के पौधे लगे हैं। इसमें वर्तमान में अाठ हिरण, 32 अजगर, दो सांभर बीयर, दर्जनों नस्लों के प्रवासी पक्षियाें आदि का बसेरा है। इसे देखरेख करने के लिए मात्र दो कर्मी की नियुक्ति है। एक गार्ड और एक वनपाल इसकी निगाहेबानी में रातदिन लगे रहते हैं। कर्मियों की कमी के कारण वृक्ष वाटिका का समुचित देखभाल नहीं हो पाता है।
रानीगंज वृक्ष वाटिका में चिड़िया घर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है। प्रारूप तैयार कर सरकार को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू किया जाएगा। -जुनैद अली, सहायक वन संरक्षक अररिया।