Move to Jagran APP

बिहार बन रहा 'उड़ता पंजाब': थाना-अस्पताल व स्टेशन परिसर में नशेड़ियों का जमावड़ा, तलब मिटाने को कर रहे क्राइम

बिहार में बड़ी संख्या में युवा नशे के दलदल में फंसते जा रहे हैं। नशा करने की लत ऐसी कि ये लोग पैसा न मिलने पर लत पूरी करने के लिए अपराध करने से भी गुरेज नहीं करते हैं।

By Kaushal Kishore MishraEdited By: Deepti MishraPublished: Sat, 18 Mar 2023 05:54 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2023 05:54 PM (IST)
बिहार बन रहा 'उड़ता पंजाब': थाना-अस्पताल व स्टेशन परिसर में नशेड़ियों का जमावड़ा, तलब मिटाने को कर रहे क्राइम
रात में थाना, अस्पताल और स्टेशन परिसर में जुट​ते हैं नशेड़ी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर: बिहार इन दिनों 'उड़ता पंजाब' बनता जा रहा है। सिल्क सिटी में लोगों के चैन की नींद सोने के समय पर नशा करने वालों का मेला लगता है, जिनमें ज्यादातर युवा शामिल हैं। इन लोगों के चेहरे पर न घर-परिवार की चिंता नजर आती है और न पकड़े जाने डर सताता है। नशा बेचने वालों को देखते ही बच्चों की माफिक खुश होने लगते हैं। झटपट माल खरीदकर वहीं फूंकने बैठ जाते हैं।

loksabha election banner

नशा करने की लत ऐसी कि ये लोग पैसा न मिलने पर लत पूरी करने के लिए अपराध करने से भी गुरेज नहीं करते हैं। छोटी-छोटी बात पर खून करने जैसी घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है। नशा करने वालों में शामिल नौजवान वंचित परिवार से लेकर बड़े-बड़े घर के लाडले हैं। नशे की इस दलदली दुनिया से नाता जोड़ लेने वाले रोज रात को बाइक, कार और स्कूटी से जवाहर लाल नेहरू अस्पताल चौक, लोक नायक जयप्रकाश सदर अस्पताल, स्टेशन परिसर, स्टेशन चौक और जीरोमाइल बस स्टैंड पर नशा लेने पहुंच जाते हैं।

सीन-1 : जवाहर लाल नेहरू अस्पताल चौक

रात के 11.10 बजे मुंगेर जिले के संग्रामपुर का गोपाल अपने एक सहयोगी विक्की यादव के साथ रोज अस्पताल चौक पर अपना फुटपाथी बाजार लगाता है। नशे के आदी लोग उसका बड़ी शिद्दत से इंतजार करते हैं। अस्पताल परिसर से सटी एक चाय की टपरी पर जमे लड़के एक-एक कर गोपाल और उसके सहयोगी से ब्राउन शुगर, स्मैक, नशीली टिकिया और हशीश लेने को झट से लाइन में लग जाते हैं। करीब आधे घंटे में उसका पूरा माल बिक जाता है।

इसके बाद गोपाल और उसका साथी वहां से निकल जाते हैं। एक युवक ने गोपाल से पेपर रोल में भरी हशीश का चूरा 200 रुपये में खरीद रखा था, जिसकी कश लेते हुए वह अस्पताल चौक की दुकान से निकल जाता है। एक मेडिकल दुकानदार ने बताया कि यह डाक साहब ही हैं। रोज रात को गोपाल से इनकी मुलाकात होती। अस्पताल चौक पर नशे की बिक्री करने आने वाले शातिर का विरोध करने का मतलब है, जान से हाथ धोना। उन्हें स्थानीय दबंगों का संरक्षण मिला हुआ है।

सीन-2 : भागलपुर रेलवे स्टेशन

रात के 11. 55 बजे भागलपुर स्टेशन परिसर में खुले आकाश में ब्राउन शुगर की कश लेते दो युवक मिले। मानो दोनों में प्रतियोगिता चल रही हो। उन्हें इस बात का रत्ती भर भय नहीं सता रहा था कि पुलिस की निगाह उन पर पड़ सकती है। आराम से कस लगाने के बाद दोनों गपशप में मशगूल हो गए।

स्टेशन परिसर जैसी ही स्थिति स्टेशन चौक से चंद फर्लांग दूरी पर भी मिली। जहां करीब एक दर्जन बाइक से आए लड़के आराम से नशा करते मिल गए। बाइक स्टेशन चौक पर लगाई और नशा करने को स्टेशन परिसर में खुद को सुरक्षित कर लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.