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    Bihar Cabinet Expansion: एक बार फिर मंगलवार का दिन सुमित के लिए हुआ मंगलकारी, बन गए मंत्री

    By Dilip Kumar shuklaEdited By:
    Updated: Tue, 09 Feb 2021 04:04 PM (IST)

    Bihar Cabinet Expansion जमुई के चकाई विधानसभा के निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह इस बार मंत्री बने। सुमित बिहार के इकलौता निर्दलीय विधायक हैं। उन्‍होंने विरासत में मिली राजनीति लेकिन सुख दुख का सहभागी बन औरों से अलग किया खुद को स्थापित।

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    बिहार सरकार में चकाई विधायक सुमित कुमार सिंह बने मंत्री।

    जागरण संवाददाता, जमुई। Bihar Cabinet Expansion : मंगलवार का दिन एक बार फिर चकाई के निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह के लिए मंगलकारी साबित हुआ। इसके पहले चुनाव परिणाम भी मंगलवार को आया था और वह रोचक मुकाबले में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा के सदस्य चुने गए थे। इधर चकाई विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक सुमित कुमार के मंत्री पद की शपथ लेते ही उनके पैतृक गांव पटरी सहित जमुई में जश्न का माहौल कायम हो गया। खासकर सुमित समर्थकों के बीच इस युवा नेता की ताजपोशी से भविष्य की राजनीति में कद बड़ा होने से जोड़कर देखा जा रहा है। उन्‍हें विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग का मंत्री बनाया गया है। 

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    गौरतलब हो कि 24 अगस्‍त 1980 को जन्‍मे सुमित कुमार सिंह दूसरी बार चकाई विधानसभा से विधायक बने हैं। इसके पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर चकाई से 2010 में निर्वाचित हुए थे। 2015 में महागठबंधन की प्रत्याशी सावित्री देवी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2020 में एक बार फिर वह जदयू के टिकट से वंचित हुए और चुनाव मैदान में निर्दलीय कूद पड़े। लेकिन चकाई की जनता ने उन्हें विधानसभा का टिकट थमाते हुए संघर्षपूर्ण मुकाबले में जीत का माला दिया। परिणाम आने के बाद सुमित ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में आस्था व्यक्त करते हुए सरकार बनाने में समर्थन देने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही उनके मंत्री बनने के कयास लगाए जाने लगे थे। सुमित आरपीएस इंटर कॉलेज से इंटर तक की पढ़ाई के बाद जेएनयू के विद्यार्थी रहे हैं। ग्रेजुएट सुमित जमुई सहित आसपास के जिलों में युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं।

    इंटरनेट मीडिया पर इनकी सक्रियता खूब रहती है। इसके साथ ही क्षेत्र में जनता के सुख दुख का सहभागी बना रहना इनकी खासियत है। यही वजह है कि 2010 में झारखंड मुक्ति मोर्चा तथा 2020 में निर्दलीय जीत दर्ज कराने में कामयाब हुए। 2015 में भी निर्दलीय ही मैदान में कूदे थे और निर्वाचित महागठबंधन प्रत्याशी सावित्री देवी के निकटतम प्रतिद्वंदी रहे थे। यहां यह बताना लाजिमी है कि सुमित पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र तथा स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व मंत्री स्वर्गीय श्री कृष्ण सिंह के पौत्र हैं। लिहाजा राजनीति इन्हें विरासत में मिली है। लेकिन, जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं का समाधान करने की इनकी कर्मठता इन्हें औरों से अलग खड़ा करता है।