पुलिस की सुस्ती से सलाखों के बाहर हो रहे शातिर, DGP के कड़े रूख से ऐसे अधिकारियों पर गिरेगी गाज
Bihar Police भागलपुर में पुलिस की लापरवाही से अपराधी खुले में घूम रहे हैं। ऐसे अपराधी पुलिस को चुनौती देकर कई घटनाओं में जुड़े रहते हैं।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। कुख्यात को दबोचने के बाद की पुलिसिया सुस्ती का लाभ जेल में बंद शातिर उठा रहे हैं। जितनी तत्परता पुलिस उन्हें दबोचने में लगाती उन्हें उनके लंबित मुकदमों में कोर्ट में रिमांड नहीं करती। नतीजा चंद महीनों में ही ऐसे कुख्यात सलाखों से बाहर हो जा रहे हैं। पुलिस मुख्यालय ऐसे लापरवाह पुलिसकर्मियों की पहचान में जुट गई है। अपराध प्रभावित भागलपुर और नवगछिया, में ऐसी लापरवाही बरते जाने की शिकायत सामने आई है। लोगों में खौफ पैदा करने और पुलिस के लिए भी सिरदर्द रहे ऐसे कुख्यातों के विरुद्ध जमानत रद करने जैसे प्रस्ताव देने में भी कोताही बरतने की बात सामने आई है। नतीजा, जेल से निकल कर शातिर फिर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं।
भागलपुर में भी कई कुख्यात, पुलिस नहीं कर रही रिमांड
भागलपुर की शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, विशेष केंद्रीय कारा में बंद कई कुख्यातों को पुलिस लंबित केसों में रिमांड नहीं कर सकी है। हत्या, जानलेवा हमले, रंगदारी जैसे संगीन मुकदमों में रिमांड की अर्जी नहीं देना कई सवाल खड़ा करता है।
लोदीपुर (बायपास) पुलिस आतंक के पर्याय रहे रामदास यादव को एक मई 2020 को जेल भेजा। इसे केस संख्या 81/2020 में जेल भेज कर चुप बैठ गई। जबकि इसके विरुद्ध सात संगीन मामले लंबित हैं, पुलिस उन केसों में रिमांड की अर्जी ही नहीं दी है। इसके विरुद्ध ट्रक चालक को गोली मारने संबंधी जगदीशपुर इलाके में वासुदेव पासवान को गोली मारने। मोजाहिदपुर थाने में रामभज्जो यादव से रंगदारी मांगने संबंधी लोदीपुर थाने में भाष्कर भूषण से रंगदारी मांगने, डॉ. चंद्रभूषण सिन्हा से भी रंगदारी मांगने है। इसके विरुद्ध लोदीपुर थाने में ही भूतपूर्व सैनिक संटू यादव पर जानलेवा हमला करने का भी केस दर्ज है। इन मुकदमों में पुलिस ने रिमांड अर्जी न्यायालय में नहीं दे सकी है।
भूतपूर्व सैनिक गणेशी यादव हत्याकांड में 17 सितंबर 2019 से जेल में बंद कुख्यात सोहिता के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में रिमांड की अर्जी पुलिस ने नहीं दी है। जबकि वह लोदीपुर थाना कांड संख्या 24/12 में स्थायी वारंट जारी है।