बिहार में अजब-गजब खेला: पुल के बाद अब पशु अस्पताल चोरी, जहां था भवन, वहां सिर्फ बची घास ही घास
बिहार में अजब-गजब खेला सामने आ रहे हैं। पुल के बाद अब चोर पशु अस्पताल ले भागे। मामला पूर्णिया का है। जहां पर कुछ साल पहले तक अस्पताल का भवन खड़ा था वहां पर अब केवल मैदान बचा है।
पूर्णिया [सुशांत सिंह]। बिहार में अजब-गजब खेला- इन दिनों बिहार में पुल चोरी के खूब चर्चा हो रहे है। रोहतास, बांका और फिर पूर्णिया। एक के बाद एक तीनों जिले में इस तरह की घटनाएं हुईंं, लेकिन ताजा मामला अस्पताल का है। पूर्णिया में चोर अस्पताल को ही ले भागे। जहां पर कुछ साल पहले तक अस्पताल था, वहां पर अब केवल मैदान बचा है। यानी एक-एक ईंट चोर ले भागे। यहां पर भवन का कोई निशान तक नहीं बचा है।
धमदाहा थाना के पीछे पशु अस्पताल का भवन था। 12 साल पहले यानी 2010-11 में जब पशु अस्पताल का नया भवन बनकर तैयार हो गया तो अस्पताल को वहां पर शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद से अस्पताल नया भवन में संचालित होने लगा। पुराने भवन में दो कमरों के अलावा बाथरूम, किचन था। लेकिन जब इस भवन का इस्तेमाल नहीं होने लगा तो चोरों की इस पर नजर पड़ी।
चोरों ने पहले पशु अस्पताल के सारे खिड़की और दरवाजे उखाड़ लिए, उसके बाद वहां पर अन्या सामान को गायब कर दिया। इसके बाद एक-एक ईंट उखाड़ कर ले गए। इतना सबकुछ होने के बाद भी न तो स्थानीय लोगों की नजर पड़ी और न किसी पदाधिकारी ने संज्ञान लिया।
दूसरे भवन भी चोरों के निशाने पर
पशु अस्पताल के एक-एक ईंट की चोरी करने के बाद अब चोरों के निशाने पर अस्पताल परिसर में बने दूसरे भवन पर है। दूसरे भवन के खिड़की-दरवाजे गायब हो चुके हैं। अगर इसकी भी अनदेखी की गई तो जल्द ही इस भवन का भी एक-एक ईंट गायब हो जाएगा।
40 साल पहले अस्पताल के भवन का हुआ था निर्माण
लोगों ने बताया कि पशु अस्पताल के भवन का निर्माण 1980 के आसपास हुआ था। तब से इसी भवन में अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। 2010-11 में नए भवन के बन जाने के बाद पशु अस्पताल को वहां पर शिफ्ट किया गया।
वरीय अधिकारियों को दी गई है सूचना
पशु अस्पताल के संबंध में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डा सुशील कुमार ने बताया कि उन्होंने वरीय अधिकारियों को इसके बारे में सूचना दे दी है। वहीं, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डा प्रभात रंजन राय ने कहा कि भवन के गायब होने का मामले उनके पदस्थापन से पहले का है।