बिहार: बंदर के पेट में गर्म सरिया घोंपकर हत्या, गुस्साए हलवाई ने की क्रूरता; लोगों ने शव रखकर किया प्रदर्शन
Bihar Monkey Murder भागलपुर जिले के शाहकुंड बाजार स्थित सुमन जलपान मिठाई दुकानदार के संचालक सुमन कुमार ने मंगलवार की शाम पांच बजे अपनी ही दुकान में एक बंदर के पेट में गर्म सरिया घुसेड़ उसे मौत के घाट उतार दिया।
By Shailendra ThakurEdited By: Prateek JainUpdated: Wed, 22 Mar 2023 12:43 AM (IST)
शाहकुंड, संवाद सूत्र: शाहकुंड बाजार स्थित सुमन जलपान मिठाई दुकानदार के संचालक सुमन कुमार ने मंगलवार की शाम पांच बजे अपनी ही दुकान में एक बंदर के पेट में गर्म सरिया घुसेड़ उसे मौत के घाट उतार दिया।
बंदर के साथ किए गए इस कृत्य को बाजार में मौजूद स्थानीय लोगों ने देखा तो उनसे रहा नहीं गया। घटना के बाद लोग आक्रोशित हो उठे और बंदर के शव को लेकर शाहकुंड अकबरनगर मुख्य मार्ग स्थित बीच बाजार पहुंच गए।
यहां लोगों ने बीच सड़क शव रखकर सड़क को जाम कर दिया और आगजनी एवं प्रदर्शन करने लगे।
आक्रोशित ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि मानवता को शर्मसार कर देने वाले इस कृत्य पर प्रशासन दुकानदार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।
दुकान बंदकर भागा आरोपी
वहीं, ग्रामीणों के आक्रोश को देखते ही आरोपित दुकानदार अपनी दुकान बंद कर मौके से फरार हो निकला। मामले की सूचना मिलते ही शाहकुंड थानाध्यक्ष पंकज कुमार झा, अवर निरीक्षक विनोद पासवान, शंभू महतो एवं सहायक अवर निरीक्षक श्याम सुंदर सिंह पुलिस बल के साथ जाम स्थल पर पहुंचे।
उन्होंने ग्रामीणों को दुकानदार पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। काफी समझाने बुझाने के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन बंद किया, तब जाकर सड़क जाम मुक्त हुई।
पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा शव
वहीं, थानाध्यक्ष पंकज कुमार झा ने बताया कि बंदर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा। दुकानदार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि दुकानदार सरौनी पंचायत के रसुल्ला गांव का है और शाहकुंड में मिठाई का दुकान चलाता है।
कठोर सजा का है प्राविधान
बता दें कि वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत बंदरों को कानूनी सुरक्षा दी गई है। भारतीय संविधान में जानवरों को जीवन जीने की आजादी दी गई है।
यदि कोई भी इंसान इनके जीवन को बाधित करने का प्रयास करता है तो संविधान में इसके लिए कठोर दंड का प्राविधान है। भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत सजा और जुर्माने का प्राविधान है।
यहां यह भी बता दें कि बंदर को वन्य जीव संरक्षण कानून के तहत अनुसूचि एक और दो में रखा गया है, जिसमें धारा 2, 8, 9, 11, 40, 41, 43, 48, 51, 61, 62 आदि के तहत दंड का प्राविधान किया गया है।