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Bihar Flood 2022: बिहार के किशनगंज और अररिया के कई गांव जलमग्न, सड़कें ध्वस्त, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट

Bihar Flood 2022- बिहार से डराने वाली तस्वीरें सामने आ रहीं हैं। सीमांचल के किशनगंज और अररिया जिले के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। सड़के और एप्रोच पथ ध्वस्त हो गए हैं। रेल मार्ग पर भी पानी भर गया है। पढ़ें लेटेस्ट अपडेट

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 09:06 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 09:18 PM (IST)
Bihar Flood 2022: बिहार के किशनगंज और अररिया के कई गांव जलमग्न, सड़कें ध्वस्त, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट
Bihar Flood 2022: देखें, बिहार में बाढ़ की डरावनी तस्वीरें...

जागरण टीम, बिहार: Bihar Flood 2022- बिहार के कई जिले बाढ़ से प्रभावित होने लगे हैं। सीमांचल और कोसी के जिलों में बाढ़ का प्रकोप ज्यादा है। अररिया-किशनगंज- सुपौल- खगड़िया-कटिहार जिलों से आई तस्वीरें डराने वाली हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग ऊंचे स्थानों की ओर विस्थापित हो रहे हैं। कई नदियां उफान पर हैं। जलस्तर डेंजर लेवल पार कर चुका है या इसके समीप है। लगातार हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी से नदियों में सैलाब आया हुआ है। गंगा, महानंदा, कोसी, बूढ़ी गंडक जैसी नदियों के बढ़े जलस्तर से कटान भी शुरू हो गई है। वहीं रेलमार्ग भी जलमग्न होने लगे हैं।

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गंगा इज राइजिंग : लगातार बढ़ रहा जलस्तर 

भागलपुर जिले में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। सदर प्रखंड के गेज प्लेस पर जलस्तर खतरे के निशान 33.68 मीटर है यहां से गंगा 6.96 मीटर नीचे है। राइजिंग लेवल पर गंगा है। वहीं कहलगांव में डेंजर लेवल 31.09 मीटर से नीचे है लेकिन जलस्तर में यहां भी वृद्धि देखने को मिल रही है। जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) के 30 जून को जारी आंकड़े क्या कुछ कहते हैं, देखें एक नजर... 

(सोर्स- Water Resources Department)

कोसी लाल निशान के पार 

सुपौल में कोसी पूरी तरह उफान में है। वहीं मौजहा गांव के वार्ड नंबर चार स्थित सुरक्षा बांध लगभग 200 मीटर की लंबाई में कट जाने के कारण वार्ड नंबर 4, 5, 7,8 में पानी का दबाव बढ़ गया है। इसके अलावा रोड नंबर 6 पर भी पानी का दबाव बना हुआ है। झखराही, बुढियाडीह, बेला, मौजहा गांव सहित विभिन्न गांव के सुरक्षा का भार इस सुरक्षा बांध पर था। लेकिन 2006 में आई बाढ ने इस बांध को बेला गांव के समीप तोड़ दिया। यहां प्रति वर्ष इस बांध के टूटने के कारण दो तीन दर्जन घर कोसी नदी में विलीन होते हैं।

किशनगंज और पूर्णिया जिले में महानंदा डेंजर लेवल पार कर चुकी हैं। यहां नदिया क्रमशः 66.14 मीटर और 36.56 मीटर के ऊफान पर हैं। 

विधायक ने की NDRF और SDRF टीम की मांग

किशनगंज के विधायक इजहारूल हुसैन बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से सरकार से किशनगंज जिला मुख्यालय में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम की व्यवस्था की मांग की। उन्होंने कहा कि नदियों के घिरे जिला में अक्सर नदी में डूबने से दुर्घटना होते रहती है। ऐसे में राहत बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम की अति आवश्यकता है ताकि समय रहते लोगों की जान बचाई जा सके।

(सभी नदियों का जलस्तर बढ़ता हुआ।)

पूर्णिया के बैसा में दो दिनों की लगातार बारिश से बायसी अनुमंडल में बाढ़ ने दस्तक दे दी है। इस होकर गुजरी सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। महानंदा, कनकई, परमान, बकरा आदि नदियों उफान पर हैं तथा उसका पानी अमौर, बैसा प्रखंड के दो दर्जन से अधिक गांवों में फैल गया है। जिससे लोग ऊंचे स्थानों के लिए घर-बार छोड़कर निकलने लगे हैं। वहीं कई सड़कों पर भी पानी आ गया है जिससे आवागमन प्रभावित हो गया है। हालांकि गुरुवार को वर्षा पर ब्रेक लगा है तथा धूप खिली है, जिससे नदियों का जलस्तर डाउनफाल ट्रेंड में है। इससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है।

अररिया की स्थिति 

अररिया प्रखंड के मदनपुर बाजार में भी पानी घुस गया है, जबकि तरौना भोजपुर, धोकरिया, कसैला, सलायगढ़, बोची, पोखरिया, मझुवा, फरासूत, पुरैनी, किस्मत खवासपुर, अररबाड़ी, कसैला सहित दर्जनभर गांवों में बाढ़ ने लोगों को फिर से झकझोर दिया है। लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण लोग डर के साए में जी रहे हैं। खासकर मदनपुर बाजार में कई जगहों पर बाढ़ का पानी मुख्य मार्ग पर आ गया है।

इस बीच मदनपुर बाजार के केनरा बैंक, मध्य विद्यालय, ग्रामीण बैंक, मद्नेश्वर धाम मंदिर, मदनपुर ओपी परिसर, अस्पताल सहित मदनपुर पलासी मार्ग, अररिया सिकटी एबीएम पथ पर दो से तीन फीट पानी का बहाव हो रहा है। लोग सुरक्षित स्थान की तलाश के तलाश में गए हैं।अधिकांश डायवर्सन पर बाढ़ का पानी लबालव भरा है। जिसके कारण यातायात ठप है। बाढ़ के कारण धान का बिचड़ा, जूट, मूंग आदि फसलों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं मवेशी के लिए चारा की भी संकट बन चुकी है।

नदियों से घिरे खगड़िया का हाल बेहाल 

खगड़िया में बागमती खतरे के निशान को पार कर गई है। गुरुवार की सुबह जिला प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण अंचल कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बागमती खगडिय़ा के संतोष स्लूस के पास खतरे के निशान से 12 सेमी ऊपर बह रही है। बागमती की टेंडेंसी राइजिंग बताई गई है। गुरुवार की सुबह यहां बागमती का जलस्तर 35.75 मीटर दर्ज किया गया। जबकि खतरे का निशान 35.63 मीटर है।

बीते बुधवार की सुबह बागमती का जलस्तर संतोष स्लूस के पास 35.29 मीटर था। शाम में जलस्तर बढ़कर 35.53 मीटर हो गया था और गुरुवार की सुबह बागमती खतरे के निशान को पार कर गई। 28 अप्रैल को बागमती का जलस्तर संतोष स्लूस के पास 35.04 मीटर दर्ज किया गया था। बीते 72 घंटे में बागमती के जलस्तर में 71 सेमी की वृद्धि हुई है।

कोसी का बढ़ना जारी

बागमती के साथ-साथ कोसी भी उफान पर है। कोसी का लगातार बढऩा जारी है। कोसी खगडिय़ा के बलतारा में खतरे के निशान से मात्र 33 सेमी नीचे है। बीते 24 घंटे (बुधवार की सुबह छह बजे से गुरुवार की सुबह छह बजे तक) में कोसी के जलस्तर में 18 सेमी की वृद्धि हुई है। कोसी की टेंडेंसी बढ़ने की है। कोसी भी लगातार बढ़ रही है। 28 जून को कोसी का जलस्तर 33.15 मीटर, 29 जून को 33.37 मीटर और 30 जून को 33.55 मीटर दर्ज किया गया है।

(खगड़िया में रेस्क्यू टीम तैयार)

72 घंटे में कोसी के जलस्तर में 40 सेमी की वृद्धि हुई है। मालूम हो कि कोसी का डिस्चार्ज गुरुवार की सुबह भीमनगर बराज के पास एक लाख 76 हजार 435 क्यूसेक रहा। जबकि बराह क्षेत्र का डिस्चार्ज एक लाख 23 हजार पांच सौ क्यूसेक रहा। कोसी के नेपाल स्थित कैचमेंट एरिया में मूसलाधार वर्षा भी हुई है। इसका असर खगड़िया तक दिखेगा।

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया के कार्यपालक अभियंता गणेश प्रसाद सिंह ने कहा कि नेपाल के कोसी के कैचमेंट एरिया में हुई वर्षा और भीमनगर बराज तथा बराह क्षेत्र से छोड़े गए पानी का असर खगड़िया पर पड़ना तय है। कहने का मतलब अभी कोसी बढ़ेगी। मालूम हो कि खगड़िया में ही कोसी नदी से बागमती संगम करती है।


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