Bihar By Elections Result 2021: तारापुर विधानसभा में RJD की हार और JDU की जीत के तीन बड़े फैक्टर
Bihar By Elections Result 2021 तारापुर विधानसभा सीट पर राजद की हार और जदयू की जीत को लेकर राजनीतिक पंडित तरह-तरह की बातें कह रहे हैं कुछ का कहना है कि राजद की हार का सबसे बड़ा कारण संगठन के अंदर...
आनलाइन डेस्क, भागलपुर। बिहार में दो सीटों पर हुए उपचुनाव में राजद को तगड़ा झटका लगा है। राजद ने कुशेश्वर स्थान के साथ-साथ तारापुर सीट को भी गंवा दिया। सबसे अधिक तारापुर सीट को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ था। लालू यादव की एंट्री के बाद यहां से इस सीट पर विजय को लेकर RJD पूरी तरह आश्वस्त था, शुरुआती रुझान ने संकेत भी कुछ ऐसे ही दिए, लेकिन दोपहर दो बजे के बाद एनडीए का पलड़ा भारी होने लगा। राजनीति विशेषज्ञों के अनुसार जेडीयू की जीत और आरजेडी की हार का तीन बड़ा फैक्टर जानिए...
आरजेडी की हार का तीन बड़ा फैक्टर
1. हार के बाद सबसे अधिक संगठन के अंदर की गुटबाजी को लेकर चर्चा हो रही है, हालांकि कोई इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं, लोगों की माने तो यही गुटबाजी राजद के लिए इस बार भारी पड़ गया। इससे जिन क्षेत्रों में पिछले चुनाव में राजद ने बढ़त बनाई थी, वहां पर इस बार अपेक्षित परिणाम नहीं आए। इस पूरे प्रकरण में एक बड़े नेता की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
2. पिछले चुनाव में राजद ने यहां से यादव को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन इस बार वैश्य को टिकट देकर नया प्रयोग किया था। राजद को उम्मीद था कि वह वैश्य वोट को अपनी तरफ करने में सफल हो जाएगा, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हो सका। वैश्य में अगड़ी जाति का वोट नहीं मिल सका।
3. उम्मीदवार की बात करें तो लोजपा को छोड़ कर बांकी की सारी पार्टियों ने स्थानीय लोगों को उम्मीदवार बनाया था। राजद के उम्मीदवार अरुण कुमार भी तारापुर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं। आरजेडी के वे पुराने कार्यकर्ता हैं, लेकिन वे भागलपुर की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान इसकी कमी दिखी।
जेडीयू की जीत के तीन बड़े फैक्टर
1. जेडीयू और राजद दोनों के उम्मीदवार पिछड़ी जाति से आते हैं और कांग्रेस उम्मीदवार अगड़ी जाति से। इसके बावजूद अगड़ी जाति के वोटों का बिखराव नहीं हुआ। कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में अगड़ी जाति की गोलबंदी नहीं दिखी। इससे जदयू को जबदस्त फायदा मिला।
2. चुनाव परिणाम पर अगर गौर करें तो कांग्रेस को महज साढ़े तीन हजार वोट मिले हैं। अगर कांग्रेस प्रत्याशी 10 हजार के करीब वोट लाने में सफल होते तो जेडीयू प्रत्याशी की परेशानी बढ़ जाती। जदयू की जीत में ये भी एक बड़ा फैक्टर है।
3. तीसरा सबसे बड़ा फैक्टर, जातीय वोटों की गोलबंदी रही, इसमें राजद से आगे जदयू रहा। जदयू ने अपने आधार वोट को समेटे रखा। व