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Bihar: रंगदारी मांग गोलियां चलाने वाले बदमाश पर मेहरबान हुई भागलपुर पुलिस, न्यायालय को किया गुमराह

Bhagalpur Crime पांच अप्रैल 2021 को सीमेंट व्यापारी के निर्माणाधीन गोदाम में रंगदारी मांगने पहुंचा चलाई थी अमित कुमार ने गोलियां। पुलिस मुख्यालय को भेजी गई शिकायत तो थानाध्यक्ष ने एक माह बाद आर्म्स एक्ट की संगीन धारा जोड़ने की दी अर्जी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 11:12 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 11:12 AM (IST)
होशियारी दिखा केस दर्ज करने वाली तिथि में ही दी अर्जी, सीजेएम ने अस्वीकृत किया।

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। सीमेंट व्यवसायी के निर्माणाधीन गोदाम में जाकर रंगदारी मांगने और स्टाफ पर गोलियां चलाने वाले बदमाश अमित कुमार पर जगदीशपुर पुलिस की मेहरबानी प्रकाश में आई है। पांच अप्रैल 2021 को जगदीशपुर में नाथनगर के सीमेंट व्यवसायी महेश यादव के निर्माणाधीन सीमेंट गोदाम में रंगदारी मांगने गए कोलाखुर्द गांव के अमित कुमार ने गाली-गलौज कर स्टाफ गौतम सिंह से पूछा कहां है महेश यादव। यह बताने पर कि वो यहां नहीं हैं बदमाश ने गालियां देते हुए पिस्तौल निकाल गोली चला दी थी। गोली से गौतम बाल-बाल बच गया।

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गोली की आवाज सुन गोदाम में काम करा रहे सीताराम सिंह भी वहां पहुंच गए थे। उन्हें भी बदमाश ने गाली-गलौज एक के बाद एक दो गोलियां दागी थी। जानलेवा हमले में किसी तरह दोनो स्टाफ की जान बच गई थी कि गोलियों की आवाज सुन आसपास से काफी संख्या में लोग गोदाम परिसर पहुंच गए थे। लोगों को देख बदमाश भाग निकलने में सफल रहा था। घटना की जानकारी दोनो स्टाफ ने सीमेंट व्यवसायी महेश यादव और जगदीशपुर थानाध्यक्ष को दी थी। मामले में पांच अप्रैल 2021 को ही थाने में केस दर्ज किया गया था।

मौके से एक जिंदा कारतूस और एक खोखा की जब्ती सूची भी बनाई गई। लेकिन थानाध्यक्ष महेश कुमार ने मारपीट, गाली-गलौज, जानलेवा हमला, रंगदारी के अलावा साधारण 27 आर्म्स एक्ट में केस दर्ज किया। जबकि 25 वन-बी ए- 26 और 37 आर्म्स एक्ट नहीं लगाया था। इससे आरोपित के उपरोक्त संगीन अपराध में उसे जमानत पाने में लाभ मिलेगा ही, ट्रायल में भी काफी लाभ मिलता। मामले में आरोपित की मदद में थानाध्यक्ष की तरफ से की गई इस मेहरबानी की शिकायत पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गई। इसकी जानकारी मिलते ही एक माह बाद शनिवार आठ मई 2021 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में थानाध्यक्ष महेश कुमार ने भूल सुधार की अर्जी दे उक्त केस में 25 वन-बी ए- 26 और 37 आर्म्स एक्ट जोड़ने का अनुरोध कर दिया है। थानाध्यक्ष ने अपनी अर्जी में खुद को बचाने के लिए होशियारी करनी भी नहीं छोड़ी।

थानाध्यक्ष ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां दी अर्जी में दर्ज केस की तिथि पांच अप्रैल 2021 की ही तिथि अंकित कर न्यायालय को भी गुमराह करने का प्रयास किया। अर्जी में थानाध्यक्ष ने कहा है कि उक्त केस में उनसे भूलवश उपरोक्त धाराएं अंकित करना छूट गया। न्यायालय ने थानाध्यक्ष के इस कदम को गंभीरता से लेते हुए फिलहाल दाखिल अर्जी स्वीकार नहीं किया है। न्यायालय खुलने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई होने की बात कही है। थानाध्यक्ष महेश कुमार ने कहा है कि उनसे ऐसा भूलवश हो गया। केस दर्ज करते समय 25 वन-बी ए- 26 और 37 आर्म्स एक्ट को अंकित करना भूल गया था।

क्या कहते हैं कानून के जानकार

आपराधिक मामलों के जानकार वरीय अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा की माने तो ऐसे मामले भूलवश कदापि नहीं हो सकते। थानाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद की जवाबदेही काबिलियत पर ही मिलती है। थानाध्यक्ष की मंशा आरोपित को मदद पहुंचाने की रही होगी। अचानक एक माह बाद आर्म्स एक्ट की अन्य जरूरी धाराओं को जोड़ने की अर्जी देना मामले में विभागीय कार्रवाई के संभावना से अपने बचाव का ही कदम हो सकता है।


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