Bihar Assembly Election 2020 : जमुई में महागठबंधन पर एनडीए की पैनी नजर, जानिए... विधानसभावार उम्मीदवारों की स्थिति
Bihar Assembly Election 2020 जमुई जिले में चार विधानसभा सीट हैं। यहां प्रथम चरण 28 अक्टूबर को मतदान होगा। यहां की तीन सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है। एक पर भाजपा का कब्जा है। चार विधानसभा क्षेत्रों में कुल 52 प्रत्याशी मैदान में हैं।
जमुई, जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020 : जमुई जिले में चार विधानसभा सीट हैं- जमुई, झाझा, सिकंदरा और चकाई। एनडीए से इसबार भाजपा ने एक, जदयू ने दो सीटों और हम ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। महागठबंधन से राजद तीन और कांग्रेस एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। इसबार एनडीए से अलग होकर लोजपा ने तीन सीटों पर और रालोसपा-बसपा, जाप ने भी उम्मीदवार उतारे हैं।
पहले चरण में 28 अक्टूबर को जमुई की चार सीटों पर चुनाव होना है। फिलहाल अभी चार सीटों में तीन सीटें महागठबंधन के पाले में है। राजद के पास दो सीटें और कांग्रेस के कब्जे में एक सीट है। एक सीट पर भाजपा का कब्जा है। इसबार राजद ने फिर सबसे अधिक तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारा है। एक सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दिया है। इसी तरह जदयू ने दो सीटों पर व भाजपा, हम ने एक-एक सीट पर उम्मीदवार उतारा है। पिछली बार चकाई छोड़कर तीन सीटों पर सीधा मुकाबला हुआ था। इसबार बागी उम्मीदवारों के कारण सभी सीटों पर घमासान मचा है। चार विधानसभा क्षेत्रों में कुल 52 प्रत्याशी मैदान में हैं।
जमुई विधानसभा: कुल 14 प्रत्याशी : गोल्डन गर्ल श्रेयसी के कारण जमुई बना हॉट सीट
बांका के पूर्व सांसद दिग्गविजय सिंह और पुतुल कुमारी की पुत्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित श्रेयसी सिंह को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। नरेन्द्र सिंह के पुत्र व पूर्व विधायक अजय प्रताप के बागी होकर रालोसपा से मैदान में हैं। यहां से जयप्रकाश नारायण यादव के भाई व विधायक विजय प्रकाश भी चुनाव लड़ रहे हैं। तीनों राजनीतिक घराने के उम्मीदवारों के उतरने के कारण जमुई सीट काफी हॉट हो गया है। जाप से शमशाद के चुनाव मैदान में आने से मुकाबला चतुष्कोणीय होने की संभावना है। तीनों की प्रतिष्ठा दांव पर है।
भाजपा-श्रेयसी सिंह, राजद-विजय प्रकाश, रोलोसपा-अजय प्रताप, जाप-शमशाद
झाझा विधानसभा- कुल 10 प्रत्याशी : जातीय आधार पर मतों का विभाजन होने से एनडीए को होगा फायदा
झाझा विधानसभा में जदयू से पूर्व मंत्री दामोदर रावत और राजद से राजेन्द्र यादव प्रत्याशी हैं। विधायक रविन्द्र यादव भाजपा से बागी होकर लोजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। रालोसपा से विनोद यादव की उम्मीदवारी ने राजद का टेंशन बढ़ा दिया है। यूं कहें कि जातीय आधार पर अगर वोटों का विभाजन हुआ तो जदयू के लिए रास्ता आसान होगा। हालांकि पिछली बार की तरह इसबार यहां से कोई अल्पसंख्यक प्रत्याशी मैदान में नहीं है। यह राजद के लिए राहत की बात है।
जदयू-दामोदर रावत, राजद-राजेन्द्र यादव, लोजपा-रविन्द्र यादव, रालोसपा-विनोद यादव
चकाई विधानसभा : कुल 13 प्रत्याशी : एनडीए का खेल बिगाडग़ें बागी उम्मीदवार
चकाई विधानसभा क्षेत्र में बहुपक्षीय चुनाव होने की संभावना है। यहां से जदयू ने विधान पार्षद संजय प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। नरेन्द्र सिंह के पुत्र व पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह जदयू से बागी होकर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। सुमित के दादा स्व. श्री कृष्ण सिंह, पिता नरेन्द्र सिंह व भाई स्व. अभय प्रताप सिंह यहां से विधायक रहे हैं। पिछले कई दशकों से इस परिवार का इस क्षेत्र पर मजबूत पकड़ रहा है। पिछले दो बार से सुमित चकाई विधानसभा से चुनाव लड़कर मजबूत कैंडिडेट होने का एहसास कराया है। इसलिए उनके मैदान में आने से एनडीए की परेशानी बढऩा तय है। इसबार लोजपा ने संजय मंडल को उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही उम्मीदवार एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगाएंगे। राजद विधायक सावित्री देवी के वोटर अभीतक गोलबंद दिख रहे है।
राजद-सावित्री देवी, जदयू-संजय प्रसाद, लोजपा-संजय मंडल, निर्दलीय-सुमित कुमार सिंह
सिकंदरा विधानसभा-कुल 15 प्रत्याशी : दलीय पर भारी निर्दलीय उम्मीदवार
सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र में जदयू से बागी होकर सबसे ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं। उसमें यहां से चार बार विधायक रहे रामेश्वर पासवान और पूर्व जिला अध्यक्ष शिवशंकर चौधरी भी शामिल हैं। इसके अलावे सांसद ललन सिंह के नजदीकी सिंधू पासवान ने भी ताल ठोंक दिया है। लोजपा से रविशंकर पासवान के टिकट मिलने से सुभाष पासवान बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस से विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी को एंटी इनकंबेंसी का जबरदस्त असर झेलना पड़ रहा है। हम प्रत्याशी प्रफुल्ल मांझी स्थानीय नहीं होने के कारण मतदाता उनके तरफ अभी तक मुखातिब नहीं हो पा रहे हैं।
कांग्रेस- सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी, हम- प्रफुल्ल मांझी, लोजपा-रविशंकर पासवान