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Bihar Assembly Election 2020 : तो...शुभानंद संभालेंगे पिता की विरासत, कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह के बेटे की इंट्री

Bihar Assembly Election 2020 क्‍या इस बार कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगे। कल जिस प्रकार शुभानंद सिंह की इंट्री हुई लगता तो ऐसा ही है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 12:23 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 12:23 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020 :  तो...शुभानंद संभालेंगे पिता की विरासत, कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह के बेटे की इंट्री
Bihar Assembly Election 2020 : तो...शुभानंद संभालेंगे पिता की विरासत, कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह के बेटे की इंट्री

भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर जिले में कांग्रेस के दो विधायक हैं। इस बार कांग्रेस यहां से और भी ज्‍यादा सीटों से चुनाव लड़ने का मन बना रही है। कांग्रेस यहां से चार विधानसभा से अपना प्रत्‍याशी उतारना चाहती है। इसके लिए वह अपने सहयोगी पार्टियों के साथ लगातार बात भी कर रही है। लेकिन इस बीच चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के बड़े नेता सदानंद सिंह की जगह उनके पुत्र शुभानंद उनकी विरासत को संभालेंगे।

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भागलपुर में पिछले दो दिनों राष्ट्रीय सचिव सह बिहार प्रभारी विक्रम सिंह राठौर मौजूद हैं। वे आज भी यहां बैठक कर रहे हैं। यहां के कांग्रेसियों की मानें तो जिले में दो नई सीटें सुल्तानगंज और नाथनगर विधानसभा में भी वह चुनाव लड़ना चाहती है। यहां अल्पसंख्यक वोटरों की तादात ज्यादा है। कांग्रेस की निगाहें इन दोनों नए सीटों पर है। कांग्रेस अंदर ही अंदर तैयारी भी कर रहे हैं। दोनों सीटों के लिए कांग्रेस महागठबंधन के साथी राजद से बातचीत कर हल निकाला जाएगा। इस बैठक में कहलगांव विधायक सदानंद सिंह का नहीं पहुंचना चर्चा का विषय बना रहा। इस बीच शाम में उनके बेटे शुभानंद मुकेश हुजूम के साथ पहुंचे। बैठक में भागलपुर जिलाध्यक्ष परवेज जमाल, कार्यकारी जिलाध्यक्ष डॉ. अभय आनंद और विपिन बिहारी यादव, बांका जिलाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, महानगर अध्यक्ष संजय सिन्हा, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष कोमल सृष्टि, ओमप्रकाश उपाध्याय सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता थे।

 तो...शुभानंद संभालेंगे पिता की विरासत

समीक्षा बैठक में कहलगांव विधायक और कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह नहीं पहुंचे। बैठक में चर्चा का विषय बना रहा। सदानंद सिंह की जगह उनके पुत्र शुभानंद मुकेश समर्थकों के साथ शाम में पहुंचे। उन्होंने राष्ट्रीय सचिव से मुलाकात की। ऐसा माना जा रहा है कि इलाकाई राजनीति के कद्दावर सदानंद सिंह इस बार बेटे को लोगों की आवाज बनाना चाहते हैं। बैठक में सदानंद की जगह शुभानंद का आना कुछ ऐसा ही इशारा करता है। समर्थकों के हुजूम से घिरे पहुंचे शुभानंद को पार्टी के नेताओं ने पार्टी के नेताओं ने हाथों-हाथ लिया। मानों नेता भी सदानंद बाबू के इस कदम को भांप चुके हैं।


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