बिहार चुनाव 2020 : एनडीए के गढ़ में आमने-सामने की टक्कर, जानिए... भागलपुर जिले के सभी विधानसभाओं की स्थिति
Bihar Assembly Election 2020 भागलपुर जिले के सात विधानसभा सीट हैं। लगभग सभी विधानसभाओं में आमने-सामने की टक्कर है। हालांकि कई सीटों पर लोजपा के प्रत्याशियों के खड़ा हो जाने से मामला त्रिकोणीय हो गया है। यहां दो चरणों में चुनाव हो रहे हैं।
भागलपुर, जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020 : भागलपुर के सात सीटों पर दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण में कहलगांव और सुल्तानगंज के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। दूसरे चरण में सिल्क सिटी भागलपुर, नाथनगर, बिहपुर, गोपालपुर और पीरपैंती में मतदान होना है। कहीं बगावत की हवा चल रही है तो कहीं वोटकटवा के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। अधिकतर जगहों पर टक्कर एनडीए व महागठबंधन के बीच ही है। एक-दो सीटों पर लोजपा भी मजबूती के साथ ताल ठोकते नजर आ रही है। सुल्तानगंज से विधायक सुबोध राय का टिकट कटने की वजह से जदयू प्रत्याशी ललित नारायण मंडल को कई सवालों के जवाब देने पड़ रहे हैं। मतदाता नेताओं का मूल्यांकन गंभीरतापूर्वक तो कर रहे हैं, लेकिन जब उनसे सवाल किए जाते हैं तो वे चुप्पी साध लेते हैं। कहीं लोग रोजगार के मुद्दे को सबसे बड़ा मुद्दा मान रहे हैं तो कहीं कहीं जातीय गोलबंदी भी हो रही है। इस जिले में कुल 99 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं। चुना जाना सात का ही तय है। चुनौती सबके सामने है। नवनीत मिश्र की रिपोर्ट।
भागलपुर : 17 प्रत्याशी
रोहित पांडेय भाजपा
अजीत शर्मा कांग्रेस
राजेश वर्मा लोजपा
सैयद शाह अली सज्जाद रालोसपा
प्रमुख मुद्दे : फ्लाईओवर नहीं बनने से जाम की समस्या
भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला एनडीए व महागठबंधन के बीच ही है। यहां लोजपा मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रहा है। इस सीट से 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। कांगे्रस ने दो बार विधायक रहे अजीत शर्मा को टिकट दिया है। भाजपा ने इस बार नए चेहरे रोहित पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा है। डिप्टी मेयर राजेश वर्मा लोजपा के टिकट पर मैदान में उतर गए हैं। कांग्रेस से बागी होकर पूर्व जिलाध्यक्ष शाह अली सज्जाद भी चुनाव में दमखम दिखा रहे हैं।
नाथनगर : 18 प्रत्याशी
लक्ष्मीकांत मंडल जदयू
अली अशरफ सिद्धिकी राजद
अमर नाथ प्रसाद उर्फ अमर सिंह कुशवाहा लोजपा
अशोक कुमार बसपा
प्रमुख मुद्दे : चंपा नदी का नहीं हो सका उद्धार
नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से कुल 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यहां मुख्य मुकाबला एनडीए व महागठबंधन के बीच है। जदयू ने इस बार अपने विधायक लक्ष्मीकांत मंडल को ही प्रत्याशी बनाया है। जबकि राजद ने अपने पूर्व प्रत्याशी को बदलकर इस बार पुराने कार्यकर्ता अली अशरफ सिद्धिकी को चुनाव मैदान में उतारा है। इस बार राजद से बागी बनकर अशोक कुमार बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं लोजपा ने अमर सिंह कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा है। जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष गौरीशंकर सिंह उर्फ कन्हाय मंडल भाजपा के बागी के रूप में निर्दलीय खड़े हैं। इन तीनों के कारण एनडीए व महागठबंधन के प्रत्याशियों को पसीना बहाना पड़ रहा है।
पीरपैंती : विधानसभा क्षेत्र : 21 प्रत्याशी
रामविलास पासवान राजद
ललन कुमार भाजपा
निर्मला देवी जेएमएम
प्रमुख मुद्दे : मिर्च की खेती को नहीं मिला बढ़ावा
पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 21 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा के ललन कुमार और राजद के राम विलास पासवान के बीच है। दोनों ही प्रत्याशी 2015 के विधानसभा चुनाव में भी आमने-सामने थे। इस चुनाव में राजद की जीत हुई थी। तब जदयू राजद के साथ था। इस बार फिर दोनों आमने-सामने हैं और जदयू भाजपा के साथ। इस चुनाव में पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र से 2010 में भाजपा से विधायक रहे अमन कुमार निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। चुनाव मैदान में डटे प्रत्याशियों को अपनी पार्टी के कैडर वोट के अलावा स्वजातीय वोटों का भी भरोसा है। इसी हिसाब से सभी जीत-हार का आकलन कर रहे हैं।
सुल्तानगंज : 13 प्रत्याशी
नीलम देवी लोजपा
ललन कुमार कांग्रेस
ललित नारायण मंडल जदयू
हिमांशु प्रसाद उर्फ हिमांशु कुमार रालोसपा
प्रमुख मुद्दे : पेयजल योजना नहीं उतरा धरातल पर
सुल्तानगंज विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है। यहां से 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यहां से कांग्रेस के ललन कुमार, जदयू के ललित नारायण मंडल, लोजपा की नीलम देवी व रालोसपा से हिमांशु कुमार चुनाव मैदान में हैं। हिमांशु कुमार पिछली बार भी चुनाव मैदान में थे। उन्हें जदयू के सुबोध राय ने हराया था। इस बार जदयू ने सुबोध राय की जगह ललित नारायण मंडल को टिकट दिया है। लोजपा ने नगर परिषद की सभापति नीलम देवी को टिकट दिया है। नीलम देवी को लोजपा से टिकट मिलने के कारण मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। रालोसपा भी मुकाबले में आने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। यहां लड़ाई कांटे की है।
कहलगांव : 14 प्रत्याशी
पवन कुमार यादव भाजपा
शुभानंद मुकेश कांग्रेस
कृष्ण कुमार मंडल बसपा
अनुज कुमार मंडल एनसीपी
प्रमुख मुद्दे : गंगा पंप नहर योजना का पानी नहीं पहुंचा खेतों तक
कहलगांव विधानसभा क्षेत्र हॉट सीट बना हुआ है। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के शुभानंद मुकेश एवं भाजपा के पवन कुमार यादव के बीच है। शुभानंद कांग्रेसी नेता सदानंद सिंह के पुत्र हैं। सदानंद सिंह ने इस बार अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतारा है। एनडीए से यह सीट पहली बार भाजपा के खाते में आई है। भाजपा ने पवन यादव को टिकट दिया है। पवन पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़कर करीब 27 हजार वोट ला चुके हैं। इस बार उनके साथ एनडीए का मजबूत साथ है। यहां कुल 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। बसपा के कृष्ण कुमार मंडल व एनसीपी के अनुज कुमार मंडल भी मैदान में हैं। अनुज जदयू सांसद अजय कुमार मंडल के भाई हैं। यहां मुकाबला कांटे का है।
गोपालपुर : 8 प्रत्याशी
शैलेश कुमार राजद
नरेंद्र कुमार नीरज जदयू
सुरेश भगत लोजपा
प्रमुख मुद्दे : बाढ़ व कटाव का नहीं निकला समाधान
गोपालपुर विधानसभा सीट से आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यहां मुख्य मुकाबला राजद के शैलेश कुमार और जदयू के नरेंद्र कुमार नीरज के बीच है। नरेंद्र कुमार नीरज चौथी बार जदयू के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। वे यहां से जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। राजद ने इस बार शैलेश कुमार को टिकट दिया है। शैलेश को कई चुनाव में काम करने का अनुभव है। लोजपा से सुरेश भगत मैदान में हैं। पिछले चुनाव में सुरेश भगत ने निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा के समीकरण को बिगाड़ दिया था। वे पूर्व में भाजपा के लिए काम करते थे। दोनों ही प्रत्याशियों को कैडर वोट के अलावा स्वजातीय वोटों पर भरोसा है।
बिहपुर : 8 प्रत्याशी
शैलेश कुमार राजद
ई. शैलेंद्र भाजपा
प्रमुख मुद्दे : कटाव पीडि़तों को नहीं मिला आवास
बिहपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार भी मुकाबला रोचक होगा। एक बार फिर राजद से शैलेश कुमार और भाजपा से ई. शैलेंद्र चुनाव मैदान में हैं। 2010 के चुनाव में ई. शैलेंद्र ने शैलेश कुमार को पराजित किया था। लेकिन शैलेश कुमार के सांसद सदस्य रहने के कारण 2015 में राजद ने उनकी पत्नी वर्षा रानी को टिकट दिया था। वर्षा रानी ने ईं. शैलेंद्र को पराजित किया था। लेकिन इस बार एमपी का चुनाव हारने के बाद शैलेश कुमार को राजद ने टिकट दिया है। बिहपुर विधानसभा सीट से कुल आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर जीत-हार का अंतर पांच सौ के आसपास ही रहा है। दोनों ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में एक-दूसरे को हराने के लिए दिलोजान से जुटे हैं। यहां के मतदाता पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है।