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एनएच-80 के राहगीरों के लिए बड़ी राहत... सड़कों पर नहीं उड़ेगी राख, डीएम ने एनटीपीसी प्रशासन को लिखा पत्र

एनएच-80 के राहगीरों के लिए राहत भरी खबर है। एनटीपीसी से ट्रक के माध्‍यम से हो रही राख अब रोड पर नहीं उड़ेगी। ट्रक वाले राख के उपर तिरपाल ढक कर ले जाएंगे। इसके लिए डीएम ने एनटीपीसी प्रशासन को पत्र लिखा है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 03:06 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 03:06 PM (IST)
एनएच-80 के राहगीरों के लिए राहत भरी खबर है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। सड़कों पर अब एनटीपीसी की राख नहीं उड़ेगी। राख ढोने वाले हाइवा पर तिरपाल डाला जाएगा। इसको लेकर डीएम सुब्रत कुमार सेन ने एनटीपीसी के प्रबंधन को पत्र लिखा है। भेजे पत्र में डीएम ने कहा है कि हाइवा पर भरकर राख नहीं डाला जाए। डाला के अंदर राख भरकर भेजा जाए। डीएम ने इसकी निगरानी जिला परिवहन पदाधिकारी फिरोज अख्तर को करने के लिए कहा है।

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जिला परिवहन पदाधिकारी ने भी एनटीपीसी प्रबंधन से अंदर डाला राख की ढुलाई कराने को कहा है। राख की ढुलाई रात में होगी। डीएम के पत्र लिखने के बाद तिरपाल डालकर राख की ढुलाई शुरू हो गई है। हालांकि कुछ हाइवा पर अभी भी जिला प्रशासन व एनटीपीसी प्रबंधन के आदेश का असर नहीं दिख रहा है। वे खुले में राख की ढुलाई कर रहे हैं।

बालू-गिट्टी की जगह कर रहे राख ढुलाई

14 चक्का वाले हाइवा पर अब बालू-गिट्टी की ढुलाई नहीं हो सकती है। राज्य सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद से सूबे का अधिकांश 14 चक्का वाला हाइवा राख ढोने में लग गया है। पांच सौ से अधिक हाइवा राख ढोने का काम कर रखा है। हालांकि हाल के दिनों में इसकी संख्या कुछ कम हुई है। लेकिन आने वाले दिनों इसकी संख्या और बढ़ सकती है।

सड़क निर्माण में हो रहा राख का उपयोग

एनएचएआइ सड़क निर्माण में एनटीपीसी के राख का उपयोग कर रही है। गंगा नदी की मिट्टी व बालू के उपयोग पर रोक लगने के बाद एनएचएआइ बनने वाले सभी सड़कों पर राख डालकर निर्माण करा रही है। फिलहाल राख का उपयोग मुंगेर और खगडिय़ा में हो रहा है। महेशखुंट व दालकोला में बन रही सड़कों के लिए भारी संख्या में हाइवा से राख की ढुलाई हो रही थी। लेकिन काम बंद होने के कारण अभी राख ढुलाई बंद है। लेकिन आने वाले दिनों में पूर्व बिहार और कोसी व सीमांचल क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण होना है। इन सड़कों के लिए भारी मात्रा में रखा की आवश्यकता पड़ेगी। तब हाइवा की संख्या एक हजार के पार कर जाएगी।

बन रहा था राख का पहाड़

कहलगांव क्षेत्र में एनटीपीसी से निकलने वाले राख का पहाड़ बन रहा था। इसको लेकर एनएचएआइ को सड़क निर्माण में मिट्टी की जगह राख का उपयोग करने का आदेश मिला है। साथ ही राख से ईंट का भी निर्माण हो रहा है। इसके बाद से राख की मात्रा कम होने लगी है।

राख को अंदर डाला और तिरपाल डालकर ढोने के लिए कहा गया है। तिरपाल डालकर हाइवा चलना शुरू हो गया है। ऐसा नहीं करने वाले हाइवा पर जुर्माना लगाया जाएगा। -फिरोज अख्तर, जिला परिवहन पदाधिकारी 


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