Move to Jagran APP

राज्यस्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता एकलव्य : टीएनबी की भारती बनी महिला चैंपियन; जानिए... उनके संघर्ष की कहानी Bhagalpur News

भारती का कहना है कि बिहार में युवाओं को घर से लेकर शासन-प्रशासन तक सहयोग की जरूरत है। अच्छा कोच अच्छा खाना और सिंथेटिक ट्रैक मिल जाए तो अपनी प्रतिभा का परचम लहरा देंगे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 09:59 AM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 09:59 AM (IST)
राज्यस्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता एकलव्य : टीएनबी की भारती बनी महिला चैंपियन; जानिए... उनके संघर्ष की कहानी Bhagalpur News
राज्यस्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता एकलव्य : टीएनबी की भारती बनी महिला चैंपियन; जानिए... उनके संघर्ष की कहानी Bhagalpur News

भागलपुर [अमरेंद्र कुमार तिवारी]। गांव की पगडंडी पर दौड़ लगाकर नेशनल तक का सफर करने वाली टीएनबी कॉलेज की भारती कुमारी ने एक बार फिर इतिहास रचा। वह एकलव्य-2019 की ओवर ऑल महिला चैंपियन बनी है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) की मेजबानी में आयोजित प्रतियोगिता में भारती ने 5.13 मीटर की छलांग लगाकर महिला वर्ग में सर्वाधिक 802 अंक हासिल किया।

loksabha election banner

नाथनगर के गनौरा बादरपुर की रहने वाली भारती की नजर अब अप्रैल में होने वाली सीनियर नेशनल एथलेटिक्स प्रतियोगिता पर है। उसका कहना है कि कुछ करने का जज्बा हो तो समस्याएं आड़े नहीं आतीं। पहले गांव की पगडंडी पर अभ्यास करते थे। सिंथेटिक ट्रैक पर दौडऩे में शुरू में तो थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन निरंतर अभ्यास और लगन ने रास्ते को आसान बना दिया। फिर क्या था, पुणे, हरिद्वार और रांची में क्रमश 2014, 2015 और 2016 में हुई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में तीन मेडल हासिल किए। भारती ने अपनी सफलता का श्रेय मां भाग्यवती देवी और पिता रवि कुमार को दिया। कहा, इस मुकाम को उसने अपने अथक प्रयास और कोच जितेंद्र मणि राकेश के कुशल मार्गदर्शन से हासिल किया।

सहयोग और सुविधा की दरकार

भारती का कहना है कि बिहार में युवाओं को घर से लेकर शासन-प्रशासन तक सहयोग की जरूरत है। अच्छा कोच, अच्छा खाना और सिंथेटिक ट्रैक मिल जाए तो यहां के युवा देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा देंगे।

बदल दी गांव की तस्वीर

15 साल पहले तक गनौरा बादरपुर में अधिकतर बच्चे जलावन के लिए लकडिय़ां चुनते थे। खेल-खेल में पगडंडियों पर दौड़ लगाते और दिन ढलने पर घर लौट जाते थे। इन बच्चों में से एक भारती थी थी। खो-खो के कोच पवन सिन्हा की उस पर नजर पड़ी। फिर क्या था, भारती ने पहले तो दौड़ में उपलब्धियां हासिल की। अब लंबी कूद में गांव का नाम रोशन कर रही है। इसी का असर है कि आज इस गांव के हर घर से एथलीट तैयार हो रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.