भगवान को पाया जा सकता है सच्चे प्यार से
भगवान को ज्ञान तपस्या समाधि से नहीं बल्कि सच्चे प्यार से पाया जा सकता है। गोपियों के पास प्यार स्नेह के अलावा और कुछ नहीं था जबकि धन संपत्ति ऐश्वर्य वाले लोगों की इस भूमि पर कमी नहीं है।
भागलपुर। भगवान को ज्ञान, तपस्या, समाधि से नहीं, बल्कि सच्चे प्यार से पाया जा सकता है। गोपियों के पास प्यार, स्नेह के अलावा और कुछ नहीं था, जबकि धन संपत्ति ऐश्वर्य वाले लोगों की इस भूमि पर कमी नहीं है।
ये बातें बूढ़ानाथ मंदिर पार्क में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के पाचवे दिन वृंदावन से आए पंडित रवि शकर शास्त्री ने कही। उन्होंने कहा कि कलयुग में भगवान सिर्फ अपने सच्चे प्रेमियों को दर्शन देते हैं। इसलिए भौतिकवादी दुनिया से समय निकालकर हमें भगवान का स्मरण जरूर करना चाहिए।
उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं पर चर्चा की। कालिया नाग मर्दन, गोवर्धन पर्वत की लीला एवं भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप व शकर मिलन पर भी कथा कही।
इस दौरान मीठे रस से भरो रे राधा रानी लागे. नगर में जोगी आया.. कान्हा की दीवानी बन जाऊंगी ..आदि भजनों से राजीव सिंह, मृदुल मिश्रा आदि कलाकारों ने लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा नेता दीपक सिंह ने कहा कि भागवत कथा के आयोजन से समाज के लोगों को लाभ मिलता है।
इस दौरान सैकड़ों की तादाद में श्रोता देर रात्रि तक प्रवचन, भजन और नाटक मंचन का आनंद लेते रहे। भगवान की आरती की गई। लोगों के बीच प्रसाद आदि वितरण किया गया।