भागलपुर : नगर निगम की लापरवाही के कारण फिर गिरी चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर की दीवार
भागलपुर में चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर की दीवार गिर गई। मंदिर प्रशासन ने लगाया गंभीर आरोप। जहां सड़क और नाले का निर्माण कार्य होना है। मंदिर प्रशासन ने नगर निगम पर आरोप लगाया है। यहां जाने का मार्ग में कीचड़ है।
संवाद सूत्र, नाथनगर (भागलपुर)। श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर की दीवार शनिवार की दोपहर बाद 80 फीट लंबी मंदिर परिसर की जैन मंदिर रोड की तरफ की दीवार गिर गई । जहां सड़क और नाले का निर्माण कार्य होना है । जिसको लेकर मंदिर प्रशासन ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाया है।
जैन सिद्ध क्षेत्र के मंत्री सुनील जैन ने आरोप लगाया है की निगम प्रशासन से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी जल निकासी का समाधान नहीं किया। नतीजतन वहां पानी जमा हो गया और फिर से दीवार गिर गई। स्थायी जल जमाव से लगातार दीवार छतिग्रस्त हो रही है। एक प्रसिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पूर्व में भी इसी प्रकार मंदिर परिसर की दीवार जनवरी 2021 में गिर गई थी। जिसे नगर निगम ने संवेदक को बनाने कहा था लेकिन आज तक निर्माण नही हुआ और न ही किसी ने कोई सुध ली।
भागलपुर नगर निगम की लापरवाही के कारण यह दीवार फिर से क्षतिग्रस्त हो गई। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी नगर निगम के द्वारा इस दिशा में कोई सकारात्मक कार्य नहीं किया गया। जिसका दुष्परिणाम सिद्धक्षेत्र को भुगतना पड़ रहा है । श्रद्धालु हतप्रभ है। श्रद्धालु यहां से वापस जाने के लिए विवश हैं। सड़क एवं नाला निर्माण में लगातार हो रही देरी के चलते एक बार फिर सिद्धक्षेत्र को यह हादसा झेलना पड़ रहा है। जलजमाव के कारण पूरे परिसर में निर्मित मंदिरों को नुकसान पहुंचा रहा है। किसी भी समय और बड़ा गंभीर हादसा हो सकता है। बता दें कि 8 सितंबर 2020 को जैन मंदिर रोड एवं नाली का शिलान्यास किया गया था।
भागलपुर में बाढ़ का खतरा है
नवगछिया के अलग-अलग तटबंध पर फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा का जलस्तर पिछले चार-पांच दिनों से लगातार बढ़ने के कारण खतरे के निशान से मात्र 3 सेंटीमीटर कम है। गंगा के जलस्तर लगातार बढ़ने को लेकर के जल संसाधन विभाग के द्वारा तटबंधों पर निगरानी बढ़ा दिया गया है। नवगछिया बाढ़ नियंत्रण कार्यालय के कार्यपालक अभियंता दिनेश कुमार ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों में एक मीटर से अधिक गंगा का जलस्तर में वृद्धि हुआ है। अभी खतरे के निशान से नीचे है। जलस्तर एक-दो दिन और बढ़ने का असर है। तटबंध पर निगरानी के लिए फिर से सभी संवेदनशील स्थानों पर कनीय अभियंता के साथ-साथ संवेदक निगरानी कर रहे हैं।