Bhagalpur Politice : सिल्क सिटी की राजनीति में माइंड गेम की खुलने लगी गठरी
बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भागलपुर में अब नेता शह-मात के खेल में शामिल होने लगे हैं। इस बीच नगर निगम में भी उठापठक की तैयारी शुरू कर दी गई है। कई नेता परोक्ष रूप से इसमें तूल दे रहे हैं।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में शह-मात के खेल में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल धुरंधर अब माइंड गेम खेल रहे हैं। यह माइंड गेम उन नेताओं की नींद हराम करने के लिए खेली जा रही जो विधानसभा चुनाव में रास्ते के आड़े आ रहे थे। निशाने पर जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह, उनकी पत्नी मेयर सीमा साहा, डिप्टी मेयर राजेश वर्मा, सैयद शाह हसन मानी हैं।
एक सांसद, विधायक और उनके चहेते एक पूर्व मेयर, कई पार्षद इसके लिए जुगाड़ भी फिट करने लगे हैं। कोई नगर निगम के पार्षद को अपने पाले में करने के लिए देर रात तक बैठक कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि इनमें से एक कद्दावर अपने चिरपरिचित अंदाज में माइंड गेम खेल रहा है। संपन्न चुनाव में भी माइंड गेम के सहारे उसने तीसरे नंबर पर जा रहे एक प्रत्याशी को दलीय भीतरघात से उबार कर मुकाम के करीब तक पहुंचाने में कामयाब हो गया। रणनीति तो थी विजय माला पहनाने की पर सिल्क सिटी की राजनीति में गठरी के खेल में अंतिम समय में बाजी कोई और मार ले गया। बाजी मारने वाला भी तिलमिलाए हुए है कि उसे मुकाम तक पहुंचने में नाकों चने चबाने पड़े हैं। इसके लिए वह उन दो प्रमुख नेताओं को सिल्क सिटी की राजनीति में चित करने की जुगत लगा रहे हैं। गंगा किनारे से आने वाले एक वार्ड पार्षद के जरिए वह इसके लिए रणनीति भी बना चुके हैं। यह दीगर बात है कि उनकी रणनीति को नाकाम करने की भी जोरदार तैयारी है।
टुनटुन साह, मेयर सीमा साहा और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा भी अबकी माइंड गेम को समझ अपने विरुद्ध बन रही रणनीति को भांपते हुए वेट एण्ड वाच की रणनीति पर काम कर रहे हैं। माइंड गेम राजनीति में गठरी खुलवाने की है। लेकिन इस मोर्चे से इस बार कोई पहल ही नहीं की जा रही है। जबकि इन्हें चित करने के लिए एक पूर्व महापौर भी खम ठोक कर मैदान में हैं। लेकिन इस खेमे के तीनों माननीय माइंड गेम से उबरने की सधी तैयारी कर रखी है। पहले विरोधी खेमे से पासा फेंके जाने का इंतजार कर रहे हैं। पासा फेंके जाने के बाद अपना तुरुप का पत्ता फेंकने की तैयारी में है। उन्हें कुर्सी से बेदखल करने में लगे माननीयों को जवाब देने में या तो गठरी खोलेंगे या कुर्सी को प्रणाम कर लेंगे।