Move to Jagran APP

... आखिर क्‍यों नहीं लगा पावरलूम में यूनिक कोड, तीन पर्यवेक्षकों का वेतन रोका गया

भागलपुर के पावरलूम बुनकरों का आर्थिक उत्थान को सरकारी योजना से जोड़ा जाएगा। रोजगार के अवसर भी मिलेगा और बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिले के बुनकरों को मुख्यधारा में लाने को सरकार की कवायद शुरू हो चुकी है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 06:01 PM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 06:01 PM (IST)
- पहले चरण में 3900 लूमो पर यूनिक नंबर टैग करने का लक्ष्य, 2200 का हुआ पूरा

जागरण संवाददाता, भागलपुर। रेशमी शहर के पावरलूम बुनकरों का आर्थिक उत्थान को अब सरकारी योजना से जोड़ा जाएगा। इससे रोजगार के अवसर भी मिलेगा और बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिले के करीब 15 हजार से अधिक बुनकरों को मुख्यधारा में लाने को सरकार की कवायद शुरू हो चुकी है। यहां कितने पावरलूम बुनकर है इसका आंकलन करने को चार पर्यवेक्षक को उद्योग विभाग ने प्रतिनियुक्त किया है। दिसंबर से सर्वे का कार्य भी शुरू हो गया है। लेकिन कुछ स्थानीय बुनकर समिति ने सर्वे कार्य पर आपत्ति दर्ज कर रोक लगा दी। सर्वे कार्य बाधित होने से तीन पर्यवेक्षक के वेतन पर विभाग ने रोक लगा दी है। इसके निदान को बुनकर समिति के साथ जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रामशरण राम ने बैठक कर समन्वय स्थापित कर लिया है। जिले में पहले चरण में 3900 पावरलूम पर यूनिक आईडी टैग करने का लक्ष्य है। व्यवधान के कारण 2200 का ही टैगिंग हो पाया है। शेष कार्य शीघ्र शुरू होगा।

loksabha election banner

यूनिक आईडी से तय होगी सरकारी योजना

जिले के पावरलूम बुनकरों को सरकारी योजना से जोडऩे के लिए सर्वे व यूनिक आईडी का कार्य चल रहा है। इसो पारवलूम बुनकरों की संख्या का वास्तविक आंकलन हो जाएगा। वर्तमान दौर में बुनकरों को बिजली बिल में सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पा रहा है। योजना के तहत बुनकरों को प्रति माह पारवलूम पर बिजली खपत पर 3.75 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी मिलना है। इसका लाभ अभी बुनकरों को नहीं मिल रहा है। जबकि सरकार ने इस मद में राशि स्वीकृत कर दी है। बिजली बिल पर जितनी सब्सिडी होगी उसका भुगतान विद्युत विभाग को किया जाएगा। इसका लाभ जिले के नाथनगर, चंपानगर, नरगा, मोमीन टोला, बिहपुर व लोदीपुर के बुनकरों को मिलेगा।

बुनकर समिति को योजना पर आपत्ति

बिजली बिल पर सब्सिडी की योजना पर बुनकर संघर्ष समिति ने आपत्ति दर्ज की है। इसको लेकर विधानसभा चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष समिति ने अपना प्रस्ताव रखा था। बनुकर संघर्ष समिति के सचिव अयाज अंसारी ने कहा कि बिजली बिल की सब्सिडी के लिए राशि तय नहीं की जाए। क्योकि गत वर्ष तक पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली बिल था जिसपर 3.75 रुपये सब्सिडी राशि होने से 60 फीसद का अनुदान मिल जाता था। अब बिजली बिल में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। यह हमेशा होता रहेगा। इसलिए प्रति यूनिट पर 75 फीसद अनुदान की मांग की गई थी। सरकार अगर यह फैसला लेगी तो बुनकरों को राहत मिल जाएगा। पूर्व में प्तत्कालीन रमंडलीय आयुक्त अजय चौधरी, प्रशिक्षु आइएएस भवेश मिश्रा, उद्योग विभाग व विद्युत विभाग के अधिकारी के साथ बुनकरों की बैठक में हुई थी। इसमें सर्वे कार्य प्राइवेट एजेंसी नहीं बल्कि सरकारी कर्मी से कराने का प्रस्ताव रखा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.