Bhagalpur News: स्कूल में शौचालय निर्माण के बाद शिक्षा विभाग और पीएचईडी आमने-सामने, उपयोगिता प्रमाण पत्र देने से किया इन्कार
Bhagalpur News स्कूलों में शौचालय निर्माण के बाद शिक्षा विभाग और पीएचईडी आमने-सामने है। शिक्षा विभाग की ओर से उपयोगिता प्रमाण पत्र तक देने से इन्कार कर दिया गया। इसके बाद मामला और बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि शौचालय निर्माण को लेकर...
जागरण संवाददाता, भागलपुर। विद्यालयों में शौचालय निर्माण पर खर्च की राशि को लेकर शिक्षा विभाग और पीएचइडी आमने-सामने है। पीएचइडी विभाग ने शिक्षा विभाग से शौचालय निर्माण पर खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा है। दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने कहा कि शौचालय निर्माण के लिए न तो जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय और न ही विद्यालयों को राशि उपलब्ध कराई गई है। ऐसे में उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिख कर कहा गया है कि अगर पीएचइडी विभाग या जिला जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को राशि आवंटित की गई है, तो उसका पत्र या स्वीकृति आदेश उपलब्ध कराएं। विद्यालयों और शिक्षा विभाग के कार्यालयों में शौचालय निर्माण कराने पर खर्च की गई राशि का मामला लोक लेखा समिति में लंबित है। पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर कहा कि उप विकास आयुक्त कार्यालय में हुई बैठक के बाद आपके द्वारा विद्यालयों में कराए गए शौचालय निर्माण का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी तक उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है।
वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिख कर कहा कि वर्ष 2005 से 2010 की अवधि में जिला जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा शौचालय विहीन विद्यालयों में 2800 के विरुद्ध निर्मित 1192 शौचालय का उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा गया है। इस अवधि में जिल जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा 236.54 लाख रुपये जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराने का तथ्य उजागर हुआ है।
जिसकी जांच कराई गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ है कि यह राशि न तो जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय और न ही विद्यालयों को उपलब्ध कराया गया है। जिन विद्यालयों में शौचालय का निर्माण कराया गया है, वैसे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा बताया गया है कि निर्माण कार्य जिला जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा ही कराए गए हैं। इसके लिए विद्यालयों को कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है।