Bhagalpur news : बैंक कर्मी रहे हड़ताल पर, जिले में 350 करोड़ का टर्न ओवर प्रभावित
Bhagalpur news भागलपुर में राष्ट्रव्यापी बंद पर बैंक कर्मियों ने यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। एसबीआई को छोड़कर यूको बैंक बैंक ऑफ इंडिया इंडियन बैंक ग्रामीण बैंक सहित निजी बैंकों के कर्मी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
भागलपुर, जेएनएन। ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी बंद का समर्थन जिले में बैंक संगठनों ने किया। गुरुवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर सभी बैंक की शाखाओं में ताले लटके रहे। भागलपुर शहरी क्षेत्र के अलावा नवगछिया, कहलगांव अनुमंडल सहित सभी प्रखंडों मेंं बैंक बंद रहने से करीब 350 करोड़ का टर्न ओवर प्रभावित रहा।
ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआइबीइए) और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया संगठन के बैनर तले बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया। राधा रानी रोड स्थित इंडियन बैंक के जोनल कार्यालय के समक्ष केंद्र सरकार के गरीब विरोधी नीति पर कर्मियों ने भड़ास निकाला। ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारी सहित दैनिक वेतन वाले कर्मी भी एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। एआइबीइए के महासचिव अरविंद कुमार रामा ने बताया कि बैंक प्रबंधन के रवैये के कारण बैंक कर्मियों की पुरानी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
महासचिव ने कहा कि बराबर कर्मियों के मांगों को बैंक प्रबंधन की ओर से अनदेखी की जा रही है, अब यूनियंस चुप नहीं रहेगा, जल्द ही किसी तरह का समझौता नहीं हुआ ऐसे में आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा। कॉरपोरेट घराने को दिए गए कर्ज की वसूली पर केंद्र सरकार का ध्यान नहीं है। बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के जिला संगठन सचिव प्रवीण कुमार ने कहा कि बंद पूरी तरह सफल रहा। प्रदर्शन में टीपी घोष, नित्या नंद मिश्र, आकाश आनंद, समीर अंबष्ठा, शोएबो सरकार सहित सैंकड़ों कमी थे।
दोपहर बाद एटीएम सेवा बहाल
बैंक कर्मियों की हड़ताल की वजह से एटीएम सेवा भी सुबह से दो बजे तक बाधित रहा। बैंक संगठनों ने एटीएम और बैंक की शाखाओं को बंद कराया। एटीएम बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। दोपहर बाद एटीएम में कैश की आपूर्ति की गई। एटीएम बंद होने के कारण एसबीआई मुख्य शाखा स्थित एटीएम में कतार लगी रही।
बैंक यूनियन की प्रमुख मांगें
-आयकर नहीं देने वाले सभी परिवारों के खाते में 7500 प्रतिमाह का भुगतान हो
-10 किलो आनाज प्रति व्यक्ति, प्रति माह मजदूरों, किसानों, गरीबों को मिले।
-लोक उपक्रमों, वित्तीय संस्थाओं, रेलवे, एयरपोर्ट में निजीकरण की प्रक्रिया बंद हो।
-ऋण वापस नहीं करने वाले कॉरपोरेट सेक्टरों पर से अविलंब वसूली हो।
- ग्राहकों के बैंकों में जमा राशि पर ब्याज बढ़ाया जाए।