भागलपुर नगर निगम घोटाला: अनिल को किसने किया भुगतान, फाइलों में है राज, high Court जाएंगे पार्षद
भागलपुर नगर निगम घोटाला लगातार यहां वित्तीय अनियमितता उजागर हो रहा है। हालांकि कई मामलों पर पर्दा डाल दिया गया। नियमों का पालन नहीं किया गया। स्थाई समिति से प्रस्ताव लिए बिना ही नगर आयुक्त का आवास निर्माण हुआ है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर में विकास कार्यों के बजाय नगर निगम की व्यवस्था अनियमितता को लेकर सुर्खियां में रहा है। बीते चार वर्षों में निगम पर कई आरोप लगे पर निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा। कई मामलों पर पर्दा डाल दिया गया। यहां नियम को ताक पर रखकर कार्य कराया जा रहा है। स्थाई समिति से प्रस्ताव लिए बिना ही नगर आयुक्त का आवास निर्माण हो या मनमाने तरीके से विभागीय कार्य। अब निगम में वित्तीय अनियमितता की जांच का मामला नगर विकास एवं आवास विभाग के पाले में है। नगर निगम प्रशासन ने पार्षद एकता मंच की मांग पर विभाग को पत्राचार कर दिया है। शाहकुंड के अनिल कुमार द्वारा बिना कार्य के मजदूरी भुगतान करने के आरोप को नगर निगम के स्तर से जांच तक नहीं कराई गई। अनिल को भुगतान करने के मामले में निगम के अधिकारी ने अपनी चुप्पी लगा रखी है। स्वास्थ्य शाखा से लेकर लेखा शाखा की फाइलों में राज दफन हैं। शनिवार को मेयर सीमा साहा कार्यालय पहुंची। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो वो हाथ जोड़कर अपनी चुप्पी लगा ली।
पार्षदों के साथ सामाजिक संगठन करेंगे विरोध
निगम में वित्तीय अनियमितता और कोटेशन के आधार पर 26 माह से टैंकर रखने के मामले में पार्षद एकता मंच अब जोरदार तरीके से अपना विरोध दर्ज करेंगे। इसके लिए सोमवार को पार्षदों के साथ राजनीतिक व सामाजिक संगठनों द्वारा नगर निगम कार्यालय में दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक धरना देंगे। पार्षद संजय सिन्हा ने कहा कि मेयर को अपनी जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। निगम में इस अनियमितता के विरोध में हाईकोर्ट में जनिहत याचिका दर्ज कराने की सारी तैयारी हो चुकी हैं। अधिवक्ता को सारे सबूत व कागजात उपलब्ध करा दी गई है। बुधवार को हाईकोर्ट में दर्ज करा दी जाएगी। संजय सिन्हा ने बताया कि नगर आयुक्त ने विभाग को जो पत्र भेजा है उसमें कोई जान नहीं है। जब अनिल कुमार कह रहे हैं कि मैं निगम का कर्मी नहीं हूं। इसके बावजूद निगम ने बिना कार्य के भुगतान कर दिया। संजय सिन्हा ने कहा कि निगम प्रशासन को पहले राशि आवंटित करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करना था।
वार्ड प्रभारी व जोनल प्रभारी के साथ स्वास्थ्य शाखा प्रभारी के अनुशंसा के बिना भुगतान संभव नहीं हो सकता है। इस अनियमितता में इनकी संलिप्ता से इंकार नहीं किया जा सकता है। मां बागेश्वरी किसान सेवा केंद्र का टैंकर कोटेशन के आधार पर रखा गया। जब मामला उजागर हुआ तो नाकामी छिपाने को निगम ने करार रद कर लीपापोती में जुट गई है। इसका मतलब है निगम अपनी नाकामी को छिपा रहा है। निगम ने पार्षदों को जानकारी दिए बिना ही आंतरिक संसाधन की राशि ने नगर आयुक्त का आवास निर्माण हुआ। निगम धांधली का केंद्र बन चुका है। इसे लेकर मेयर ने स्वयं प्रधान सचिव से लेकर सीएम तक को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी। साथ ही कहा था कि सृजन से बड़े घोटाले की आशंका व्यक्त की गई थी।
सफाई मजदूरों का हुआ परेड
नगर निगम में दूसरे दिन शनिवार को वार्ड छह से 10 वार्डों के सफाई कर्मियों की परेड कराई गई। लेखा शाखा प्रभारी के समक्ष 72 सफाई मजदूरों की फोटोग्राफी कराई गई। इस दौरान उनसे बैंक खाते और आधार कार्ड की प्रति ली गई। सोमवार को वार्ड 11 से 15 के सफाई कर्मियों का परेड कराया जाएगा। इसमें उनकी पहचान के साथ दस्तावेज भी लिया जा रहा है।