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Bhagalpur Lok Sabha Seat : किस फेर में फंसा भागलपुर? प्रत्याशियों पर लोगों की अलग-अलग राय, ये है सबसे बड़ा मुद्दा

भागलपुर में वोटर्स के बीच प्रत्याशियों को लेकर अलग-अलग राय है। इस सीट पर जदयू ने फिर से अजय मंडल को उतारा है। वहीं कांग्रेस ने इस बार अजित शर्मा पर भरोसा जताया है। विक्रमशिला सेतु के इस पार और उस पार फर्क बहुत ज्यादा देखने को मिल रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि किसकी नैया पार लगेगी।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Published: Tue, 23 Apr 2024 12:38 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2024 12:38 PM (IST)
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

संदीप कुमार, भागलपुर। भागलपुर से नवगछिया को जोड़ने वाला विक्रमशिला सेतु लोगों के विश्वास का आधार रहा है। इस पुल से ठीक 50 मीटर की दूरी पर एक समानांतर पुल खड़ा हो रहा है।

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विक्रमशिला सेतु पर गाड़ी लेकर चलने वाले लोगों को पुल के खड़े हो रहे पायों से अहसास है कि जल्द ही उनके पास सफर का दूसरा विकल्प भी मौजूद होगा। नए पुल की आमद से उम्मीदें परवान पर हैं, लेकिन वर्षों से साथ देते आए विक्रमशिला सेतु के प्रति विश्वास में भी बहुत कमी नहीं आई।

भागलपुर के मतदाताओं का मन भी कुछ यूं ही इस नए और पुराने पुल के द्वंद्व की तरह फंसा हुआ है। अपनी सीट बचाने की लड़ाई लड़ रहे जदयू के अजय मंडल को लोकसभा के चुनावी मैदान में पहली बार कूदे कांग्रेस के अजीत शर्मा टक्कर दे रहे। विक्रमशिला सेतु के इस पार और उस पार फर्क बहुत गहरा है।

चुनावी मिजाज भांपने निकलिए तो शहर के लोग तौलकर बोलते मिलेंगे, वहीं ग्रामीण वोटरों को जरा भी झिझक नहीं होती यह बताने में कि वे किसके साथ खड़े हैं। इस पार के लोग स्मार्ट शहर के नागरिक हैं, उस पार दियारा और खेतिहर माटी के देशज लोग। फर्क साफ दिखता है।

नवगछिया के वीरनगर में दो बुजुर्ग महिलाएं एक दुकान के बाहर बैठी किस्सागोई में व्यस्त थीं। किसको वोट देंगी, हमारे सवाल से उनका ध्यान टूटा। बेझिझक होकर कहा, जेकरा दय छियै। जे वृद्धा पेंशन देलकै, ओकरे न देबै। आर केरका देबै।

लोगों ने दी अपनी राय

गोपालपुर प्रखंड के डिम्हा गांव में थोड़ी दूर घर की दालान पर बैठे अधेड़ सोनू चौधरी तो और भी स्पष्टवादी। बोले, भूमिहार हूं तो क्या हुआ मेरा वोट तो नरेन्द्र मोदी को ही जाएगा। लोकसभा चुनाव में जाति के आधार पर वोट करूंगा तो पाकिस्तान से देश की रक्षा कौन करेगा। थोड़ी दूर जाने पर माहौल बदला।

अभिया गांव में पन्नालाल मंडल चुनचुन मंडल और शंकर मंडल खुलकर कहते हैं, उनका वोट अजय मंडल को जाएगा। गोसाई गांव के युवा देवीलाल यादव की भी राय स्पष्ट है। नौकरी देने वाले को चुनेंगे इस बार। तेजस्वी बाबू को सीएम बनाना है। बिहार का विकास वही कर सकते।

यहां से करीब 15 किलोमीटर दूर बिहपुर विधानसभा के मुस्लिम बहुल जमुनिया के तस्लीम मियां कहते मिले, हमलोग कांग्रेस को वोट करते आए हैं। इस बार भी उसी का साथ देंगे। यहां से कुछ किलोमीटर दूर भूमिहार बहुल खरीक के कुंवर जी ऑटो स्टैंड में बैठकर वक्त काट रहे थे।

पास बैठकर चर्चा शुरू की तो कहा, देखिए हमारे इलाके के भूमिहार अपनी जाति के उम्मीदवार अजीत शर्मा के साथ भी जाएंगे, लेकिन सभी नहीं। मोदी जी के नाम पर एनडीए को वोट पड़ेगा, हालांकि हमें उम्मीदवार से नाराजगी है। यह भी कहने से नहीं चूके कि अगर नेहा शर्मा रोड शो कर लें तो कांग्रेस के खाते में और वोट बढ़ेंगे।

अगड़ों में सेंधमारी पर कांग्रेस की नजर

भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब 20 लाख वोटर हैं। करीब साढ़े चार लाख मुस्लिम और तीन लाख यादवों पर कांग्रेस-राजद गठबंधन की दावेदारी है। यादवों में मोदी के नाम पर कुछ सेंधमारी को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर वोट कांग्रेस को जाते दिख रहे हैं।

दो लाख वंचित, करीब दो लाख मंडल और कोयरी-कुर्मी व पचपनिया वोटरों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख है। इन वोटरों की पहली पसंद जदयू-भाजपा गठबंधन होता है। बचे हुए सवर्ण के पांच लाख वोटरों में अजीत शर्मा अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं, यह वोटबैंक पूर्व के चुनावों में एनडीए को चुनता रहा है।

जातिगत गणना के बाद पहली बार हो रहे चुनाव में इस बार सवर्ण वोटर अगड़ा-पिछड़ा के आधार पर गोलबंद होता दिख रहा है। भूमिहार जाति से आने वाले अजीत शर्मा को यहां अवसर दिख रहा।

भूमिहारों के प्रभाव वाले कई पाकेटों पर इसका प्रभाव दिख भी रहा, लेकिन ब्राह्मण-राजपूत वोटरों के लिए उन्हें कड़ी मशक्क्त करनी होगी जो मोदी के प्रभाव में नजर आते हैं।

राहुल का बिग शो बनाम जदयू का माइक्रो मैनेजमेंट

कांग्रेस ने वोटरों को साधने के लिए भागलपुर में राहुल गांधी की सभा कराई है। तेजस्वी यादव व मुकेश सहनी ने भी मंच साझा कर अपने पारंपरिक वोट बैंक को साथ आने की अपील की है। नौकरी व अग्निवीर योजना पर राहुल-तेजस्वी की बातें युवाओं को रिझाती हुई दिख रही हैं।

जदयू ने अपना जोर माइक्रो मैनेजमेंट पर लगाते हुए जातियों को साधने की रणनीति अपनाई है। बुलो मंडल को राजद से जदयू में शामिल कराना मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। जातियों को साधने के लिए कोयरी-कुर्मी इलाके में नीतीश व सम्राट अपनी सभा कर चुके हैं।

राजपूत, ब्राह्मण व पूर्वांचल के वोटरों को रिझाने के लिए राजनाथ सिंह व मनोज तिवारी मंगलवार को भागलपुर आने वाले हैं। रामनवमी पर हिंदू वोटरों के बीच माहौल बनाने की कवायद भी एनडीए की ओर से हुई।

मुस्लिम धर्मगुरु सज्जादा नशी से वोट अपील करवा जदयू ने मुसलमान वोटरों पर डोरे डालने का प्रयास किया है। कांग्रेस उत्साहित इस बात से है कि भागलपुर पिछले दो दशक से हर बार अपना नया सांसद चुनता है।

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