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शहर के बुद्धिजीवी और TMBU के सभी पूर्व पदाधिकारी करेंगे VC का सहयोग

बैठक में टीएमबीयू के प्रभारी डॉ. अजय कुमार सिंह के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के हित में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति विकास का द्योतक है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 12:16 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 12:16 PM (IST)
शहर के बुद्धिजीवी और TMBU के सभी पूर्व पदाधिकारी करेंगे VC का सहयोग
शहर के बुद्धिजीवी और TMBU के सभी पूर्व पदाधिकारी करेंगे VC का सहयोग

भागलपुर, जेएनएन। प्रताप विवि के पूर्व कुलपति एवं टीएमबीयू के अधिषद सदस्य प्रो. उग्रमोहन झा के आवास पर शहर के बुद्धिजीवियों की एक बैठक हुई। बैठक में शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन किया गया। बैठक में उपस्थित शहर के बुद्धिजीवियों ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ. प्रो अजय कुमार सिंह के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के हित में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति विकास का द्योतक है।

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बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने एक स्वर में नए डीएसडब्ल्यू प्रो. रामप्रवेश सिंह, कुलानुशासक प्रो. रामसेवक सिंह और विवि के परीक्षा समन्वयक प्रो. एके ठाकुर को बधाई देते हुए उनसे बेहतर कार्य की अपेक्षा की। बुद्धिजीवियों ने प्रभारी कुलपति  डॉ. प्रो अजय कुमार सिंह को विश्वविद्यालय की गरिमा बढ़ाने में निरंतर सहयोग के लिए आश्वस्त किया। 

टीएमबीयू के पूर्व कुलपति प्रो. क्षेमेन्द्र कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय के सभी सकारात्मक कार्यों में भरपूर सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा कि तिमांविवि के प्रति उनकी निष्ठा बरकरार है, इसमें कोई कमी नहीं होगी। तिमांविवि को जब भी जरूरत पड़ेगा, वे हर प्रकार से सहयोग करेंगे। धन्यवाद ज्ञापन मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुरुदेव पोद्दार ने किया। बैठक में प्रमुख व्यवसायी सज्जन किशोरपुरिया, आजीवन सीनेट सदस्यगण रामगोपाल पोद्दार, डॉ. शंभु दयाल खेतान, डॉ. गौरीशंकर डोकानिया, पूर्व महाविद्यालय निरीक्षक एवं गणित विभाग के अध्यक्ष डॉ. मृत्युंजय झा सहित अन्य उपस्थित थे।

डॉ. एके ठाकुर टीएमबीयू के बनाए गए परीक्षा समन्वयक

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने साइंस के डीन डॉ. एके ठाकुर को परीक्षा समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि परीक्षा संबंधी कार्य का निर्बाध संचालन किया जा सके। कुलसचिव कर्नल अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व में जारी अधिसूचना में संशोधन कर शुक्रवार को नई अधिसूचना जारी की गई है। डॉ. ठाकुर को प्रोवीसी की जिम्मेदारी दिए जाने का मामला निराधार है। प्रभारी कुलपति द्वारा राजभवन के अधिकार का कहीं भी उल्लघंन नहीं किया गया है और न ही इसको लेकर राजभवन से उनसे कोई स्पष्टीकरण मांगा गया है।


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