भागलपुर: पीडीएस दुकान पर लाभुकों से ज्यादा पैसा वसूल रहे डीलर, शाहकुंड के इन डीलरों पर होगी कार्रवाई
भागलपुर में पीडीएस दुकान पर लाभुकों से ज्यादा पैसा वसूली का मामला सामने आया है। लाभुकों की शिकायत के बाद सीओ ने शाहकुंड प्रखंड में जांच की थी। जांच के दौरान कई और भी चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
संवाद सूत्र, शाहकुंड। पंचायतों में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की औचक जांच बुधवार को पदाधिकारी द्वारा की गई। दासपुर पंचायत में उप समाहर्ता अमित कुमार, किशनपुर अमखोरिया पंचायत में सदर एसडीओ धनंजय कुमार, खुलनी पंचायत में बीडीओ अभिनव भारती, एवं वासुदेवपुर पंचायत में सीओ निलेश कुमार चौरसिया ने कुल 14 बिंदुओं पर जांच की।
जांच में सीओ निलेश कुमार चौरसिया ने बताया कि वासुदेवपुर पंचायत में ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि डीलर द्वारा खाद्यान्न में सरकारी दर से अधिक राशि लाभुकों से वसूल की जाती है। डीलर लाभुकों से 91 रुपये के बदले लाभुकों से 105 रुपये और 65 की जगह 75 रुपये वसूलते हैं। इसके अलावा, रसीद भी नहीं दी जाती है। वहीं अंचलाधिकारी ने बताया कि जांच में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-169 पर बताया गया कि बिना सहायिका के ही पांच वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया जा रहा है। वहीं वार्ड संख्या चार में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अंतर्गत हर घर नल का जल की सप्लाई करीब 15 से 20 घरों में नहीं दी गई है।
खुलनी पंचायत में बीडीओ अभिनव भारती ने जांच में बताया कि वार्ड संख्या एक में प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य काफी प्रगति पर देखा गया। यहां पर जितने भी लाभुकों को राशि दी गई है सभी ने मकान बनाना प्रारंभ कर दिया है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक और नर्स की उपस्थिति तो देखी गई, लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत समस्याएं दिखीं। मनरेगा योजना में भी मजदूरों द्वारा कार्य किया जा रहा था। आंगनबाड़ी केंद्र में भी बच्चों की उपस्थिति देखी गई।
वहीं ग्रामीण सड़क की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है। सामुदायिक शौचालय का लाभ लोगों को मिल रहा है। बीडीओ ने बताया कि नल जल में कुछ शिकायतें मिली हैं। कई वार्डों में अभी तक पुराने वार्ड क्रियान्वयन समिति के द्वारा नए वार्ड क्रियान्वयन समिति को प्रभार नहीं दिया गया है। इसके कारण नल जल का मामला फंसा हुआ है। बीडीओ ने बताया कि वार्ड क्रियान्वयन समिति को सख्त हिदायत दी गई है कि नए वार्ड क्रियान्वयन समिति को प्रभार यथाशीघ्र सौंप दें अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।