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Bhagalpur CoronaVirus Vaccination : जांच के लिए अस्पताल प्रशासन को आदेश का इंतजार, कई के फर्जीवाड़ा कर लगवा दिए टीके

Bhagalpur CoronaVirus Vaccination दर्जनभर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपने पति और पत्नी को फर्जीवाड़ा कर लगवा दिए टीके। अस्पताल अधीक्षक ने नोडल पदाधिकारियों के साथ बैठक की। दर्जनभर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने स्वयं के साथ-साथ अपनी पत्नी और पति को भी कोरोना का टीका लगवा लिया।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 11:26 AM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 11:26 AM (IST)
Bhagalpur CoronaVirus Vaccination : जांच के लिए अस्पताल प्रशासन को आदेश का इंतजार, कई के फर्जीवाड़ा कर लगवा दिए टीके
भागलपुर में कोरोना टीकाकरण अभियान में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur CoronaVirus Vaccination : रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा कर दर्जनभर स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा अपनी पत्नी और पति को कोरोना के टीके लगवाने के मामले में जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल प्रशासन को 'ऊपर' से जांच का आदेश आने का इंतजार है। हालांकि गुरुवार को अस्पताल अधीक्षक ने नोडल पदाधिकारियों की बैठक कर दैनिक जागरण में छपी खबर का हवाला देकर आगे से रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा नहीं हो इसका ध्यान करने की भी हिदायत दी।

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गौरतलब है कि दर्जनभर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने स्वयं के साथ-साथ अपनी पत्नी और पति को भी कोरोना का टीका लगवा लिया। इनमें एक चिकित्सक का ड्राइवर और एंबुलेंस चालक समेत अन्य लोग शामिल हैं।

नियमत: स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही टीका लगाना था। 17 फरवरी को दैनिक जागरण ने इस फर्जीवाड़े को पर्दाफाश करते हुए प्रमुखता से खबर छापी थी। जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया था। बताया गया कि इनमें कुछ चिकित्सक के रिश्तेदार भी शामिल हैं।

बैठक में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि रिश्तेदारों का रजिस्ट्रेशन करवाना गलत है लेकिन जाने भी दें। जो हो गया, अब कर भी क्या सकते हैं। आगे से ऐसी गलती नहीं हो इसपर ध्यान देने की जरुरत है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक भगत ने कहा कि इस मामले में नोडल पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। साथ ही ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा रिश्तेदारों को कराए गए रजिस्ट्रेशन की जानकारी लेने का निर्देश भी दिया गया है। बैठक में नोडल पदाधिकारी डॉ. कामरान फजल, डॉ. राकेश कुमार सहित कई चिकित्सक शामिल थे। डॉ. कामरान फजल ने कहा कि पटना से जिन लोगों को कोरोना का टीका लगाने की सूची आती है, उन्हें मैसेज भेजने से लेकर कितने लोगों को टीके लगाए गए यह देखना काम है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि रजिस्ट्रेशन के बाद बिना जांच किए ही सूची को स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया। पोर्टल पर अपलोड अस्पताल के अधिकारी के निर्देश पर किया गया। रजिस्ट्रेशन करने वाले डेटा ऑपरेटर भी बिना बिना तहकीकात किए रजिस्ट्रेशन कर दिए।


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