Bhagalpur corona virus news update : संक्रमितों की संख्या दो सौ के पार, चिंता के बीच कोरोना की यह अच्छी खबर
Bhagalpur corona virus news update वायरस खतरनाक नहीं है। इस कारण स्वास्थ्य विभाग को विशेष चिंता नहीं। बढ़ रहे कोरोना मरीज अस्पतालों में भर्ती की व्यवस्था पुरानी। जून के तीसरे सप्ताह से फिर बढऩे लगी कोरोना संक्रमितों की संख्या।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur corona virus news update : जिले में कोरोना मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है, लेकिन अस्पतालों में मरीजों को भर्ती के लिए कोई नई व्यवस्था लागू नहीं की गई है। पुरानी व्यवस्था के तहत ही काम चलाने की मंशा है। हालांकि हर 15 दिनों पर अस्पताल में निर्माण किये गए आक्सीजन जेनरेशन प्लांट की जांच की जाती है।
पिछले दो सप्ताह से जिले में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। छह दिनों के अंतराल में तीन कोरोना से पीडि़त मरीजों की मौत भी हो चुकी है। कोरोना के दूसरे चरण के बाद अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती कर बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में पहले चरण की तुलना में कई गुना ज्यादा मरीजों की संख्या बढ़ गयी थी। मौत की संख्या भी सैकड़ों में थी। एक दिन में कई मरीजो की मौत हो रही थी। आक्सीजन की कमी से स्वजन परेशान थे। हजारों रुपये खर्च कर आक्सीजन खरीदना पड़ रहा था। मेडिकल कालेज अस्पताल को कोविड अस्पताल बना दिया गया था। यह व्यवस्था कोरोना के पहले चरण में भी थी।
कमियों को पूरा करने के लिए अस्पताल में आक्सीजन जेनरेशन प्लांट का निर्माण किया गया, इससे आक्सीजन की कमी पूरी हो गयी। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में भी प्लांट लगाए गए। साथ ही बच्चों के लिए 10 बेड का कोविड वार्ड भी मेडिकल कालेज अस्पताल में बनाया गया। आनन -फानन में टीटीसी कालेज में कोविड वार्ड बनाये गए। सदर अस्पताल में आइसीयू की व्यवस्था दो सालों में पूरी नही हो पाई है। जून के तीसरे सप्ताह से फिर कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे लगी है। कहलगांव अस्पताल के प्रभारी डा विवेकानंद दास ने कहा कि नई कोई व्यवस्था करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है। यही स्थिति नाथनगर रेफरल अस्पताल में भी है। केवल कोरोना जांच और वेक्सिनेशन की गति बढ़ाने का निर्देश है, ताकि लोग कोरोना संक्रमण से बच सकें।
इस बार कोरोना वायरस खतरनाक नहीं है। अस्पतालों में 10 बेड कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित रखा गया है। आक्सीजन के अलावा दवा एवं उपकरण की पर्याप्त व्यवस्था है। - डा उमेश शर्मा, सिविल सर्जन, भागलपुर