शोभा की वस्तु बना बेलही का जलमीनार, पांच साल में लाखों खर्च पर लोग अब भी प्यासे
चार किलोमीटर की जगह डेढ़ किलोमीटर ही बिछाए गए पाइप खुले आसमान नीचे रखा गया है जेनरेटर। कक्ष का भी नहीं कराया गया है निर्माण।
सुपौल, जेएनएन। प्रखंड मुख्यालय अंतर्गत बेलही पंचायत स्थित रेलवे गुमटी के समीप सफेद हाथी की तरह खड़ी पानी टंकी आज भी लोगों को मुंह चिढ़ा रही है। पांच वर्ष पूर्व 69 लाख 98 हजार 343 रुपये की लागत से बनकर तैयार इस टंकी से ग्रामीणों को पेयजल नसीब नहीं हो सका है। कुछ महीने पूर्व पानी की सप्लाई की गई थी जो न पीने लायक था और ना ही कपड़ा धोने लायक।
जगह-जगह लिकेज, गंदे पानी की हो रही आपूर्ति
ग्रामीणों का कहना है कि जगह-जगह पाइप टूट गया है जिससे गंदा पानी निकलता है। लेकिन अभी तक इसे ठीक नहीं किया गया। जहां पानी टंकी बनाया गया है वहां डिजिटल जेनरेटर भी है जो भगवान भरोसे खुले आसमान के नीचे है। जबकि इस जेनरेटर के लिए लगभग चार लाख की लागत से एक कक्ष का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। बता दें कि इस पानी टंकी के निर्माण की 2009-10 में स्वीकृति मिली तथा 04 मार्च 2010 को संबंधित कार्यपालक अभियंता द्वारा एकरारनामा हुआ था। 25 हजार गैलन स्वच्छ पेयजल संचित करने के लिये टैंक का निर्माण कार्य 2012-13 में पूरा हुआ। चार किलोमीटर दूरी तक जलापूर्ति हेतु पाइप बिछाए जाने थे। इसके एवज में मात्र डेढ़ किमी तक ही बिछाए गए जबकि शेष जगहों पर पाइप बिछाए जाने का काम अभी तक अधूरा है।
लोगों ने लगाया अनदेखी का आरोप
बेलही पंचायत के धर्मेंद्र बताते हैं कि विभाग इस टंकी की अनदेखी कर रहा है। शिव यादव कहते हैं कि इसके निर्माण में गड़बड़ी की गई है। यहां के लोग दूषित जल पीकर बीमार पड़ रहे हैं लेकिन इसे चालू नहीं करवाया जा रहा है। इससे यहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पर इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पांच साल से इसका काम चल रहा है। अगर ध्यान दिया गया होता तो अब तक हर जगह पानी की आपूर्ति शुरू हो गई होती।