किसानों को मतदान के लिए जागरुक करेगा बीएयू का ग्रीन एफएम, भागलपुर के अलावा यहां के सेंटर से होगा प्रसारण
बीएयू के सबौर और बाढ़ स्थित रेडियो स्टेशन से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का प्रसार किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत प्रशासन और शहर के आईकॉन का मतदाता जागरुकता से जुड़े संदेशों का प्रसारण किया जाएगा। कार्यक्रम का थीम सहज-सुगम-सुरक्षित मतदान मेरा वोट मेरा स्वाभिमानÓ होगा।
भागलपुर, जेएनएन। खेती-किसानी के साथ-साथ बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) का ग्रीन एफएम 90.8 इस बार किसानों को मतदान के लिए भी जागरूक करेगा। इसके लिए बीएयू और चुनाव आयोग के बीच एमओयू हुआ है। इसका प्रसारण बीएयू के सबौर और बाढ़ स्थित रेडियो स्टेशन से किया जाएगा।
प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने ने बताया कि यहां के सामुदायिक रेडियो से खेती-किसानी की सामसमायिक जानकारी, लोकगीत, झूमर, आदि का प्रसारण किया जा रहा था। इस कारण यह रेडियो कम समय में किसानों के बीच लोकप्रिय हो गया। इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदाता जागरुकता के लिए बीएयू के साथ एमओयू किया। इस खेती-किसानी और मनोरंजन से जुड़े तमाम कार्यक्रमों के साथ अब मतदाता जागरुकता कार्यक्रम का भी प्रसारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत प्रशासन और शहर के आईकॉन का मतदाता जागरुकता से जुड़े संदेशों का प्रसारण किया जाएगा।
सप्ताह में तीन दिन होगा प्रसारण
बीएयू के मीडिया सेंटर के इंचार्ज ईश्वरचंद्र ने बताया कि मतदाता जागरुकता कार्यक्रम का प्रसारण फिलहाल सप्ताह में तीन दिन किया जाएगा। मंगलवार और शुक्रवार को दिन के दो बजे व शनिवार को संध्या सात बजे कार्यक्रम प्रसारित किया जाएगा। इसके लिए कार्यक्रम की रूपरेखा भी तय कर ली गई है। कार्यक्रम का थीम 'सहज-सुगम-सुरक्षित मतदान, मेरा वोट मेरा स्वाभिमानÓ होगा। कार्यक्रम के माध्यम से मतदाताओं को बताया जाएगा कि कोरोना महामारी के बीच वे कैसे सहज, सुगम और सुरक्षित मतदान कर सकते हैं। साथ ही किसान भाइयों को मतदान की महत्ता की भी जानकारी दी जाएगी।
जागृत होंगे गांव के किसान-मजदूर
बीएयू के कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि साल भर के अंदर बीएयू का ग्रीन एफएफ भागलपुर के आसपास के गांवों में काफी लोकप्रिय हो गया है। ग्रीन एफएम के माध्यम से इस तरह के कार्यक्रम का असर गांव के किसान-मजदूरों पर पड़ेगा। वे मतदान के प्रति जागृत होंगे। ग्रीन एफएम का सबसे अधिक श्रोता गांवों में है। वहीं, बाढ़ में भी इसे प्रभावी तरीके से प्रसारित किया जाएगा। योजना की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।