समूह में मछली का उत्पादन और बिक्री करेंगे बांका के किसान, दाना से लेकर बीज तक मिलेगा सस्ता
बांका के किसान अब समूह में मछली का उत्पादन और बिक्री करेंगे। इसके लिए यहां पर एफपीओ बनाया जा रहा है। इससे किसानों को न केवल सस्ता बीज चारा आदि मिलेगा बल्कि बाजार में उनके उतपाद का सही दाम भी मिलेगा।
संसू, बांका। जिले में मछली पालन को बढ़ावा देन के लिए डीएम के निर्देश पर जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कुमार सिंहा द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत शुक्रवार को जिला मत्स्य कार्यालय में प्रखंड के मत्स्य पालक किसानों के साथ किसान उत्पाद संगठन बनाने के लिए एक बैठक आयोजित की गई। इसमें मुख्य अतिथि डोमेन एक्सपर्ट प्रियदर्शी प्रदुमन एवं मत्स्य निदेशालय पटना के मत्स्य विशेषज्ञ रामसागर ने भाग लिया।
किसानों की आय होगी दोगुनी
इस दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि सरकार ने किसानों की आया को 2022 तक दोगुणी करने के लिए लगातार किसानों को नई-नई तकनीक से जोड़ा जा रहा हैं। वहीं, किसानों को समूह में मत्स्य पालन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें लगभग 50 किसानों ने हिस्सा लिया। इसमें से लगभग 15 किसानों ने उत्पाद संगठन में लगने वाले लगने वाले सदस्यता शुल्क भी जमा किया गया। वहीं अन्य सदस्यों द्वारा एक सप्ताह के अंदर शुल्क जमा करने की बात कही गई। उन्होंने बताया कि इस समूह के गठन के पश्चात जिले के छोटे एवं बड़े मत्स्य कृषकों को कम दर पर मत्स्य बीज एवं दाना उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसानों को मत्स्य उत्पादन में लगने वाले लागत पूंजी में कमी आएगी। इसके साथ ही इस समूह के माध्यम से उनके द्वारा उत्पादित मछली को बाजार तक पहुंचाने एवं उचित कीमत दिलाने के लिए भी मदद की जाएगी।
खुद करेंगे मछली की बिक्री
बांका के किसान एफपीओ के बन जाने से न केवल समूह में मछली का उत्पादन करेंगे, बल्कि इसकी बिक्री भी करेंगे। इसके लिए पूरी योजना तैयार की जा रही है। इससे किसानों को सस्ते दर पर बीज, चारा सहित अन्य सामान उपलब्ध हो जाएगा। बाजार में किसानों को अच्छी कीमत भी मिलेगी। दरअसल, हाल के दिनों में बांका के किसान तेजी से मछली पालन से जुड़ रहे हैं। यही कारण है कि यहां पर बड़े पैमाने पर अभी मछली का उतपादन हो रहा है। लेकिन पिछले कुछ माह से फंगासियस मछली का रेट सही नहीं मिल रहा है। इससे किसान परेशान हैं। हालांकि मत्स्य विभाग की ओर से अब यहां की मछलियों को बाहर भेजने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।