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'बाल यौन शोषण अब बस!', जघन्य अपराध को नहीं छुपाएंगे, मम्मी-पापा को बताएंगे

बच्चे को गलत नियत से छूना, उससे बात करना एवं दबाव बनाकर अपनी हरकतों को मनवा बाल शोषण की श्रेणी में आता है। ऐसे घिनौने कार्य में अधिकतर अपने संगे-संबंधि और परिचित ही होते हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 10:25 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 08:50 AM (IST)
'बाल यौन शोषण अब बस!', जघन्य अपराध को नहीं छुपाएंगे, मम्मी-पापा को बताएंगे
'बाल यौन शोषण अब बस!', जघन्य अपराध को नहीं छुपाएंगे, मम्मी-पापा को बताएंगे

भागलपुर [जेएनएन]। बाल यौन शोषण जैसे जघन्य अपराध पर विराम जागरूकता एवं आत्मसंयम से ही संभव है। ऐसे अपराध के शिकार तीन से आठ वर्ष तक के बच्चे होते हैं। उक्त बातें शुक्रवार को डिवाइन हैप्पी स्कूल में दैनिक जागरण द्वारा सामाजिक सरोकार की कड़ी में 'बाल यौन शोषण अब बस!' विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. वसुंधरा लाल ने कही।

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उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित अभिभावकों को कहा अर्थ युग में भले आप के पास समय का अभाव हो पर वक्त निकालकर अपने दिल के टुकड़ों से अवश्य बात करें। बच्चों का हमदर्द बने उसे विश्वास में ले और पूरी दिनचर्या में उसे कौन सी बातें अच्छी लगी और कहां उसे आघात पहुंचा। इसकी पूरी गहनता से मूल्यांकन करें। उसकी समस्या का समाधान करें। जब आप उसके विश्वास पर खरा उतरेंगे तब वह कोई बात आप से नहीं छिपाएंगे।

डॉ. लाल ने कहा कि बच्चे को गलत नियत से छूना, उससे बात करना एवं दबाव बनाकर अपनी हरकतों को मनवा बाल शोषण की श्रेणी में आता है। ऐसे घिनौने कार्य में अधिकतर अपने संगे-संबंधि और परिचित ही होते हैं। अपरिचितों की संख्या मात्र 10 फीसद होती है।

बाल यौन शोषण के शिकार बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं, फोबिया के शिकार हो जाते हैं। उन्होंने बच्चों को चरित्रवान बनने एवं अव्वल बनने के लिए शॉट कट रास्ता नहीं अपनाने की सलाह दी। भागलपुर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता राम कुमार मिश्रा ने बच्चों को बाल यौन शोषण से बचाव के लिए कई महत्वपूर्ण बातें बताई। उन्होंने कहा कि अच्छा स्पर्श वही है जो आपके लिए अच्छा हो। बिना अनुमति के कोई छू दे तो उसे मुद्दा बनाएं। इसकी जानकारी माता-पिता को दें।

उन्होंने कहा हमारे यहां आंख मारना भी अपराध की श्रेणी में आता है, जबकि ब्रिटेन में टच जरूरी है। कोई भी कार्यवाही बिना आपके अनुमति के करें वह गलत है। अधिवक्ता श्री मिश्रा ने बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से बाल यौन शोषण के बारे में कई वैधानिक पहलुओं की भी जानकारी दी। भारतीय दंड विधान की धारा 354 ए, बी, सी, डी के बारे में भी विस्तार से बताया। अंत में उन्होंने कार्यशाला में आये अभिभावकों को बच्चियों के प्रति हमेशा सजग रहने की सलाह दी।

एसएम कॉलेज की प्राचार्या प्रो. अर्चना ठाकुर ने छात्र-छात्राओं से कहा आप अपने शरीर के खुद मालिक है। किस तरह आसपास-पड़ोस एवं संबंधियों का आपके प्रति सोच है। उनकी सोच आपके व्यक्तित्व विकास में कितना सहायक है। इसका मूल्यांकन पूरी तत्परता से खुद करें। हर कदम पर बुराइयों का विरोध करें और अच्छाइयों को ग्रहण कर अपना व्यक्तित्व विकास करें। जिस शालीनता के साथ आपने कार्यशाला में दिए गए व्याख्यान को सुना है हमें भरोसा है कि आप बाल यौन शोषण जैसे जघन्य अपराध को सहन नहीं करेंगे। उसे मिटाने के लिए अपनी धैर्य एवं शक्ति का उपयोग करेंगे।

इसके पूर्व सभी आगत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन की औपचारिकता स्कूल की प्राचार्या अनिता कुंवर ने कही। उन्होंने कहा उन्होंने कार्यशाला में आए अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए समय निकालने एवं उन्हें विश्वास में लेकर हर मुद्दे पर बात करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज अपरिपक्व बालक-बालिकाएं 90 फीसद परिचितों एवं सगे-संबंधियों से बाल यौन शोषण के शिकार हो रहे हैं। हमारी सजगता एवं जागरूकता ही इस जघन्य अपराध को समाज से समाप्त कर सकती है।

रैली निकाल कर भी लोगों को किया गया जागरूक

इसके पूर्व समाज में फैल रहे इस जघन्य अपराध पर विराम लगाने के लिए दैनिक जागरण के बैनर तले शहर के सड़कों पर जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली को स्कूल प्रागंण से हरी झंडी निदेशक गोपाल कृष्ण कुंवर ने दिखाई। रैली में शामिल डिवाइन हैप्पी के बच्चों ने बाल यौन शोषण अब नहीं सहेंगे, इस जघन्य अपराध को नहीं छुपाएंगे- मम्मी-पापा को बताएंगे। यह रैली स्कूल से निकलकर मिरजानहाट के मुख्य मार्ग से गुजर कर वापस स्कूल पहुंची। इसके बाद बच्चे कार्यशाला में शामिल हुए।

डिवाइन हैप्पी स्कूल के निदेशक गोपाल कृष्ण कुंवर ने कहा कि बाल यौन शोषण के खिलाफ बच्चों व अभिभावक को जागरूक करने की दिशा में दैनिक जागरण का यह पहल सराहनीय है। ऐसे कार्यक्रमों से सामाजिक सरोकार को बल मिलता है।


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