नवगछिया में अटल को मिली थी एक लाख थैली
अटल बिहारी वाजपेयी 1984 में भागलपुर आए थे। उनका दौरा पार्टी फंड में इकट्ठा करने के लिए था। नवगछिया पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका भरपूर स्वागत किया था।
भागलपुर [नवनीत मिश्र]
अटल बिहारी वाजपेयी 1984 में भागलपुर आए थे। उनका दौरा पार्टी फंड में इकट्ठा करने के लिए था। नवगछिया पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका भरपूर स्वागत किया था। वाजपेयी ने नवगछिया के कुछ क्षेत्रों का दौरा भी किया था। इसके बाद उन्हें एक लाख थैली भेंट की गई।
अनिल यादव ने बताया कि पार्टी फंड में जो राशि जमा की जा रही थी, वह थैली में दी जा रही थी। 80 हजार रुपये की थैली उन्हें भेंट की गई थी, और शेष राशि पूरा कर देने की बात उनसे कही गई थी। इसलिए एक लाख थैली नाम दिया गया था। इसपर वाजपेयी ने मजाकिया लहजे में कहा था जितनी राशि, उतना भाषण। अनिल यादव ने बताया कि जब वे खगड़िया के सांसद थे, तब अटल बिहारी वाजपेयी भी सांसद थे। वाजपेयी विदेश कमेटी के चेयरमैन थे और वे सदस्य थे। उन्होंने बताया कि मुंबई में विदेश कमेटी की बैठक थी और वाजपेयी समुंद्र किनारे टहल रहे थे। वहीं कुछ और लोग भी टहल रहे थे। ऐसे लोगों ने कहा कि ये शख्स अटल बिहारी वाजपेयी की तरह दिख रहे हैं। उन्होंने तत्काल कहा था, हां मेरा चेहरा कुछ मिलता-जुलता है। उनसे जब पूछा गया कि ऐसा क्यों कहा तो उन्होंने बताया कि हम टहल नहीं पाते और समय पर मीटिंग में नहीं जा पाते। वाजपेयी का बड़ा कद होने के बावजूद बैठक में भाग लेने वाले सांसद सदस्यों के साथ खाना खाते थे और बड़े भाई की तरह व्यवहार करते थे। एक बार एक ही दिन विदेश समिति और कोल इंडिया कमेटी की बैठक थी। वाजपेयी ने विनम्र भाव से कहा था कि कुछ घंटे हमें समय दें और कुछ कोल इंडिया समिति को। मुंबई अधिवेशन के बाद जब जनता पार्टी से अलग होकर भाजपा बनी थी। अनिल यादव ने बताया जिन्हें अटल बिहारी वाजपेयी एक बार देख लेते थे, उसे भुलते नहीं थे। जब वाजपेयी 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने थे। उस समय हम खगड़िया के सांसद बने थे, जब संसद पहुंचे तभी अटल जी ने उन्हें पहचान लिया था। उनमें संगठनकर्ता के सारे गुण विद्यमान थे।