विजय मित्रा के चार चुनावों में वोट मांगने आए थे अटल
भागलपुर से कई बार चुनाव जीते और राज्य सरकार में मंत्री रहे विजय कुमार मित्रा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी थे।
भागलपुर । भागलपुर से कई बार चुनाव जीते और राज्य सरकार में मंत्री रहे विजय कुमार मित्रा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी थे। अटल में अच्छे नेता की परख थी। यही वजह थी कि वे बार-बार मित्रा के लिए आते थे। मित्रा अटल के भरोसे पर हमेशा खरे उतरे। वे छह बार चुनाव जीते थे। इनमें से चार बार अटल के ही नाम पर जीत मिली थी।
वरिष्ठ भाजपा नेता हरिवंशमणि सिंह बताते हैं कि विधानसभा के 1967, 69, 71 और 1972 के चुनावों में जनसंघ उम्मीदवार विजय कुमार मित्रा के चुनाव प्रचार में पूर्व पीएम भागलपुर आए थे। इसके अलावा बांका में कई आम और उपचुनावों में अटल आ चुके हैं। सिंह बताते हैं कि 1972 में भागलपुर जनसंघ की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक देवीबाबू धर्मशाला में हुई थी। लाजपत पार्क में अटल की सभा हुई थी। अटल इस बैठक में भाग लेने के लिए भागलपुर आए थे और खुद लहेरी टोला के शाह धर्मशाला में ठहरे थे। बैठक में भाग लेने के लिए देर रात अपर इंडिया एक्सप्रेस से जगन्नाथ राव जोशी आए थे। जब वे धर्मशाला पहुंचे तो अटल ने खुद बाहर आकर जोशी का सामान उठा लिया। हरिवंश ने अपने संस्मरण के आधार पर अटल की महानता के कई कहानियां भी सुनाए। एक बार अटल का भोजन शिव भवन में मनोरमा सहाय के घर पर तय हुआ था। बात 1974 की है। वहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता पहुंच गए। मनोरमा के घर चार ही कुर्सियां थीं। कार्यकर्ता अधिक थे। अटल ने महानता का परिचय देकर खुद जमीन पर बैठकर कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की। इसके पहले 1969 में उन्हें मिरजानहाट में तत्कालीन नगर अध्यक्ष शिवचरण साह के घर ठहराया गया था। उनका खपरैल का मकान था। एक चौकी पर उन्होंने विश्राम किया और इसमें भी उनमें खुशी दिखी थी। उन्हें किशुन शंकर सहाय के घर पर भी ठहराया गया था। हरिवंश मणि सिंह कहते हैं कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जब भागलपुर आए थे तो चार दिन रूके थे। इस दौरान स्थानीय कार्यकर्ताओं से अटल का सवाल जवाब भी हुआ था। अटल पत्रकारों का बहुत सम्मान करते थे। एक बार भागलपुर में उन्होंने पत्रकारों के लिए लजीज व्यंजन की व्यवस्था करने को कहा था। बाद में वे भी इस व्यंजन का स्वाद चखे थे।