कामेश्वर पांडेय हत्याकांड : मुख्य आरोपित गोपाल भारती ने उगले कई राज Bhagalpur news
भागलपुर में जाने माने अधिवक्ता सह बिहार बार काउंसिल के अध्यक्ष कामेश्वर पांडेय की हत्या के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की दी हैं। मामले का उद्भेदन हो गया है।
भागलपुर, जेएनएन। स्टेट बार काउंसिल के को-चेयरमैन सह अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय और उनकी नौकरानी रेणु झा हत्याकांड के मुख्य आरोपित गोपाल भारती ने पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा किया। पुलिस की सख्ती से आरोपित ने इस घटना की कई परतें खोल दी। यहां बता दें कि गोपाल भारती की गिरफ्तारी कोलकाता से हुई थी। उसके कुछ सहयोगी भी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
वहीं, रवीश की निशानदेही पर उसके घर से पुलिस ने एक कट्टा और एक गोली बरामद की है। हथियार बरामदगी की जानकारी एसएसपी आशीष भारती ने दी है। उन्होंने बताया कि उसे तिलकामांझी पुलिस ने जेल भेज दिया है। रवीश ने पुलिस को बताया कि वह गब्बर पासवान और राज कुमार सिंह के साथ करीब नौ बजे अधिवक्ता के घर पहुंचा था। वहां पहले से ही गोपाल भारती मौजूद था। कुछ देर बाद नौकरानी रेणु झा नीचे गेट लगाने के लिए आई थी। जब वह लौटने लगी तो राज कुमार ने उसका मुंह दबाकर दबोच लिया और गोपाल के कमरे में खींच लिया। फिर तीनों ने गला घोंटकर उसे मार डाला। उसके सिर पर लोहे के रॉड और पिस्तौल से कई बार प्रहार भी किए। गोपाल ने पहले से ही जेनरेटर का ड्रम खाली कर रखा था। नौकरानी का हाथ पांव बांध उसे ड्रम में डालकर ढक दिया।
कामेश्वर पांडेय को मारने इस तरह पहुंचे थे हत्यारे
नौकरानी की हत्या के बाद सभी हत्यारोपित पहली मंजिल पर स्थित अधिवक्ता के कमरे में गए। अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय सोए हुए थे। अंधेरा होने के कारण तीनों उनके कमरे में प्रवेश कर गए। गोपाल भारती ने उनके गले को दबा दिया, रवीश खुद अधिवक्ता के पैर को पकड़कर बैठ गया। गब्बर उनके मुंह पर तकिया देकर दम घोंटने लगा। राज कुमार ने अपनी पिस्तोल की बट से एक के बाद एक उनके सिर पर कई वार किया। गोपाल ने पहले पुख्ता कर लिया कि अधिवक्ता की मौत हुई की नहीं। इसके बाद उसने दूसरे कमरे के अलमारी का लॉकर तोड़ा। उसमें से एक लाल रंग का थैला निकाला, जो रुपये से भरा हुआ था। फिर गोपाल ने टीवी के पास से गाड़ी की चाबी उठाई और वे सभी गाड़ी लेकर भाग निकले।
घटना की रात ही सेतु से आगे उतर गया था गब्बर
रवीश ने पुलिस को जानकारी दी है कि वे लोग घटना को अंजाम देने के बाद अधिवक्ता की कार से भागे थे। कार में उसके साथ भीखनपुर निवासी राज कुमार सिंह उर्फ राज और मुंगेर जिले के घोरघट निवासी गब्बर पासवान भी शामिल था। गब्बर लोदीपुर में अपने ससुर के यहां रहता था। विक्रमशिला सेतु से आगे बढऩे पर उन लोगों ने साथ खाना खाया। इसके बाद गब्बर वहीं से घर जाने के लिए उतर गया। रवीश के मुताबिक वह गोपाल के साथ किशनगंज तक गया। उसके ससुराल में खाना पीना खाया और गाड़ी लगा दी। इसके बाद वह वहां से निकल गया। उसे जाते समय गोपाल ने 10 हजार रुपये दिए।