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देश-विदेश में खिलने वाले आकर्षक फूलों से महक उठी अरुण की जिंदगी

अरुण की फूलों की खेती और विविध प्रकार के फूलों का प्लांट नर्सरी में देख लोग अचरज करते हैं। उन्होंने कई लोगों को इसकी खेती करने और प्लांट तैयार करने के प्रति जागरूक किया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 09:51 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 04:47 PM (IST)
देश-विदेश में खिलने वाले आकर्षक फूलों से महक उठी अरुण की जिंदगी
देश-विदेश में खिलने वाले आकर्षक फूलों से महक उठी अरुण की जिंदगी

भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। सबौर प्रखंड अंतर्गत लोदीपुर पंचायत के तहबलपुर गांव निवासी अरूण मंडल अपने पिता से इतर 12 वर्ष की उम्र से ही परंपरागत खेती छोड़ फूलों की खेती कर रहे हैं। बहरहाल सालाना ढ़ाई से तीन लाख रुपये कमाकर बाल-बच्चों बेहतर तालिम दे रहे हैं।

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कोलकाता से लाते हैं विदेशी फूलों का बीज

बीते 26 वर्षो से फूलों की खेती कर रहे अरुण को अब अनुभव की कोई कमी नहीं रह गई है। बाजार में कौन-कौन सी फूल लोगों की पहली पसंद होगी, और किसका मुंह मांगा दाम मिलेगा इसका पूरा आइडिया हासिल कर चुके हैं। अब अरुण कोलकाता की मंडी से देश विदेश में उगने वाले सबसे आकर्षक फूलों का बीज कैटलॉग देख कर लाते हैं। फिर कड़ी मेहनत से अपने खेतों में उसकी नर्सरी तैयार करते हैं। उसे गमले और बैग में रिप्लांटिंग करते हैं। जब उसमें फूल निकल आता है तो उस प्लांट को बाजार में ले जाकर बेचते हैं। अरुण का कहना है कि फूल वाला 20 रुपये का वह आकर्षक प्लांट अगर ग्राहकों को पसंद आ जाती है तो सौ रुपये तक उसका दाम मिल जाता है।

सालाना ढ़ाई से तीन लाख तक की है कमाई

अरुण ने कहा कि फूलों के शौकीन लोगों की शहर में कोई कमी नहीं है।

आर्थिक उन्नति का नया मार्ग चुनने के लिए पहले गेंदा, बेली और रजनीगंधा सहित अन्य मौसमी फूल की खेती शुरू की। बाजार में पैठ जमाने में कड़ी मशक्कत करना पड़ा। जब उसकी आमदनी से जी नहीं भरा तो अब आकर्षक फूलों का प्लांट तैयार कर बाजार में इसकी बिक्री कर रहे हैं। जिससे रोजना छह से सात सौ रुपये की कमाई हो जाती है।

साथी किसानों को कर रहे जागरूक, सीखा रहे गुर

अरुण की फूलों की खेती और विविध प्रकार के फूलों का प्लांट नर्सरी में देख लोग अचरज करते हैं। उन्होंने दर्जन भर से अधिक लोगों को इसकी खेती करने और प्लांट तैयार करने के प्रति जागरूक किया और तकनीक भी सीखाई है। अब पास के जगतपुर गांव में गिरीश, अजीत मंडल, पुतुल देवी, राम विलास मंडल सहित आधा दर्जन से अधिक लोग फूलों की खेती करने लगे हैं। अरुण ने कहा जिले के आसपास के गांवों के लोग अगर फूलों की अच्छी खेती करने लगे तो कोलकाता से स्थानीय बाजार में फूलों की आवक कम हो जाएगी। यहां के किसान और व्यापारी भी मालामाल हो जाएंगे।

इन गांवों के लोगों से भी करवा रहें है फूलों की खेती

जगतपुर, तहबलपुर, लोदीपुर खुर्द, बसंतपुर, सरधो एवं धनकर के दर्जन भर किसानों से फूलों की खेती शुरू की है। धीरे-धीरे जिले में किसान फूलों की किसानी से जुड़ रहे हैं इस खेती से उनकी जिंदगी में खुशहाली आ रही है। वे परंपरागत खेती को छोड़ बाजार मांग के अनुरुप खेती कर अच्छी कमाई कर रहे है।


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