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किडनी के रोगियों के लिए अररिया सदर अस्पताल में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा, 3709 मरीजों का हुआ सफल इलाज

अररिया सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में तीन टेक्निशियन व एक नर्सिंग स्टाफ कार्यरत हैं। टेक्निशियन शुभंकर माईती व सर्वजीत प्रजापति ने बताया कि सेंटर तीन शिफ्ट में रात आठ बजे तक संचालित होता है। विशेषज्ञ किडनी चिकित्सक महीने में दो बार सेंटर का वीजिट करते हैं।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 11:58 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:58 AM (IST)
किडनी के रोगियों के लिए अररिया सदर अस्पताल में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा, 3709 मरीजों का हुआ सफल इलाज
रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है डायलिसिस सेंटर- सफल डायलिसिस

जागरण संवाददाता, अररिया : जिला मुख्यालय स्थित सदर सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर सारी सुविधा उपलब्ध है। किडनी के गंभीर रोगियों के लिए मुफिद साबित हो रहा है। इस सेंटर पर 3709 गंभीर रोगियों का सफल डायलिसिस किया गया है। यह बातें सीएस विधानचंद्र सिंह ने सोमवार को सदर अस्पताल में कही। उन्होंने कहा कि अब डायलिसिस के लिए रोगियोंको दूसरे जिला जाने की जरूरत नहीं है।

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वर्ष 2020 से सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर संचालित है। रविवार को छोड़ कर अन्य सभी दिन जरूरतमंदों के लिए डायलिसिस की सेवा उपलब्ध है।

होता है निश्शुल्क इलाज :

डायलिसिस सेंटर में तीन टेक्निशियन व एक नर्सिंग स्टाफ कार्यरत हैं। टेक्निशियन शुभंकर माईती व सर्वजीत प्रजापति ने बताया कि सेंटर तीन शिफ्ट में रात आठ बजे तक संचालित होता है। विशेषज्ञ किडनी चिकित्सक महीने में दो बार सेंटर का वीजिट करते हैं। डायलिसिस के लिए आने वाले मरीजों को कोई समस्या होने पर आन काल विशेषज्ञ चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराई जाती है। एक दिन में करीब 15 मरीजों का डायलिसिस होता है। बताया कि पीएचएच राशन कार्डधारी मरीजों को निश्शुल्क डायलिसिस की सेवा उपलब्ध है। अन्य मरीजों से 1745 रुपये शुल्क लिया जाता है।

2407 मिलr निश्शुल्क सेवा 

विभागीय अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में डायलिसिस सेंटर का संचालन जुलाई 2020 से शुरू हुआ। दिसंबर 2020 से अप्रैल 2022 तक सेंटर के माध्यम से कुल 2407 पीएचएच कार्ड धारियों का निश्शुल्क डायलिसिस किया गया है। इस दौरान 1302 अन्य रोगियों का भी सफल डायलिसिस सेंटर के माध्यम से संभव हो सका।

बचाई गइ जान 

सीएस ने कहा कि अस्पताल में संचालित डायलिसिस सेंटर पर गंभीर रोगियों की जान बचाई गई है। किडनी के गंभीर रोगियों के लिए बेहद सुविधाजनक है। प्राइवेट संस्थानों इसी सुविधा के लिये मरीजों को ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं। जब किसी व्यक्ति का दोनों किडनी ठीक से काम करना बंद कर देता है। तो कृत्रिम तरीके से किडनी का कार्य संपादित करने की प्रक्रिया को डायलिसिस कहा जाता है। उन्होंने बताया कि डायलिसिस एक प्रक्रिया है जो किडनी की खराबी के कारण शरीर में एकत्रित अपशिष्ट पदार्थों को कृत्रिम रूप से बाहर निकालता है।


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