जेल में रॉकी की मौत जांच की के लिए पहुंचे एआइजी
जेल में रॉकी की मौत जांच की के लिए पूर्णिया पहुंचे एआइजी।
पूर्णिया। केन्द्रीय कारा पूर्णिया में 14 जुलाई को दवा दुकानदार राकेश रंजन उर्फ रॉकी की मौत मामले की जांच के लिए कारा विभाग पटना से दो सदस्यीय टीम पूर्णिया पहुंची। कारा आइजी मिथिलेश मिश्रा के निर्देश पर कारा विभाग के एआइजी संजय कुमार चौधरी और कारा विभाग के स्वास्थ्य निदेशक डॉ परमेश्वर पांडे जेल पहुंचे। जांच टीम के दोनों सदस्य जेल में रॉकी की मौत का कारण जानने के लिए दोपहर 4:30 बजे जेल पहुंचकर जांच-पड़ताल शुरू की। कारा विभाग पटना से जांच के लिए अधिकारियों के पूर्णिया पहुंचने की सूचना पर रॉकी के परिजन और नेतागन जेल अधीक्षक पर कार्रवाई करने एवं रॉकी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जेल के पास पहुंच गए। जांच में पहुंचे अधिकारी जेल के अंदर देर शाम तक जांच-पड़ताल करते रहे। अधिकारियों के इंतजार में परिजन एवं नेतागण देर शाम तक खड़े रहे। जांच टीम में शामिल सदस्य स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ परमेश्वर पांडे ने फोन पर बातचीत में बताया कि जेल में अस्पताल वार्ड की स्थिति की जांच की जाएगी। जेल प्रशासन एवं जेल में प्रतिनियुक्त डॉक्टरों से पूछताछ कर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जेल के अस्पताल वार्ड में आखिर किस व्यवस्था की कमी आई और क्या ऐसी परिस्थिति आई कि जेल के अस्पताल वार्ड में कैदी की मौत हुई। बताया कि जेल के अंदर अस्पताल वार्ड की स्थिति की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर अधिकारी को भेजी जाएगी। रविवार को भी जांच जारी रहेगी।
बताते चलें कि शराब पीने के आरोप में केन्द्रीय कारा पूर्णिया में 08 जुलाई से बंद रॉकी की मौत 14 जुलाई को हो गई थी। मौत के बाद उसके शरीर पर चोट के कई गहरे जख्म के निशान पाए गए थे। कारा प्रशासन ने 14 जुलाई की सुबह उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा था। जहां डॉक्टर ने मृत शरीर को भर्ती करने से इन्कार कर दिया था। उसके बाद जेल प्रशासन के लोग सदर अस्पताल में शव को छोड़कर फरार हो गए थे। सूचना पर पहुंचे परिजन सदर अस्पताल में रॉकी का शव लावारिश अवस्था में पाया था। उसके हाथ, पैर, छाती, चेहरा एवं पीठ पर काफी जख्म के निशान उभरे थे। इसके बाद परिजन ने जिला प्रशासन को घटना की सूचना दी। जिला प्रशासन ने दंडाधिकारी नियुक्त कर शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजन को शव सौंपा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसके शरीर पर चोट लगने की बात सामने आई थी। मामले में जिलाधिकारी ने न्यायिक जांच का आग्रह किया था। उसके बाद न्यायिक जांच शुरू की गई। वहीं परिजन के आवेदन पर जेल अधीक्षक विधु भारद्वाज पर प्राथमिकी दर्ज की कई थी। उसके बाद से न्यायिक जांच टीम एवं पुलिस टीम ने लगातार जेल पहुंचकर जांच की और बयान दर्ज की। लेकिन अब तक रॉकी के शरीर पर चोट का निशान कैसे उभरा इस बात का पता नहीं चल पाया है।