पूर्णिया के बाद अब किशनगंज बना 'ड्रग्स सेंटर', गांव-गांव तक फैला है 'मौत का नेटवर्क'
पूर्णिया के बाद अब किशनगंज ड्रग्स सेंटर बनता जा रहा है। यहां पर गांव-गांव तक मौत का नेटवर्क फैला हुआ है। इसकी चपेट में सबसे अधिक युवा आ रहे हैं। स्थानीय पुलिस सबकुछ जान कर भी अनजान बनी हुई...!
संसू, फारबिसगंज (अररिया)। सीमावर्ती क्षेत्र स्थित जिला का मुख्य व्यापारिक केंद्र फारबिसगंज अवैध व प्रतिबंधित कोडिन युक्त कफ सिरफ, नशीली दवा, सुई व स्मैक का ट्रांजिट प्वाइंट बन चुका है।
शहर के लगभग चौक चौराहा समेत खाली पड़े शैक्षणिक संस्थान, सरकारी कार्यालय समेत अन्य जगहों पर अपराधी तत्व इस तरह के कारोबार का अड्डा बना चुके।
जानकर बताते है कि नशा में युवक समेत छोटे छोटे बच्चे इसकी गिरफ्त में आ चुके है।
वहीं यह कारोबार खासकर कोडिन युक्त कफ सिरफ के कारोबारी का तार पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से जुड़े होने की बात कही जाती है। जानकार बताते है कि नशा के लिए नेपाली युवक व युवती कोडिन युक्त कफ सिर$फ का प्रयोग करते है जो खुला सीमा से अवैध कारोबार के जरिये जारी है।
वही गाहे बगाहे एसएसबी कारोबारी को पकडऩे में सफल भी रहती है।
जानकार बताते है कि इस अवैध कारोबार हब व ट्रांजिट प्वाइंट फारबिसगंज ही है जहां बल्क में बाहर से मंगाकर कैरियर के मार्फत कारोबार किया जाता है। वही इस तरफ प्रशासन भी विचार शून्य ही दिखता है गाहे बगाहे कुछ लोग पकड़े भी जाते है कुल मिलाकर आने वाले समय में प्रशासन सख्ती से कार्यवाई नहीं करे तो युवाओ का भविष्य नशे के गिरफ्त में अंधकारमय जरूर हो जाएगा।
शहर में आधा दर्जन स्थानों पर रहता है युवाओ का जमावड़ा
शहर के स्टेशन परिसर सहित, मेला परिसर, अस्पताल परिसर, बस स्टैंड परिसर, शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान डायट, ली अकादमी विद्यालय, कालेज चौक, द्विजदेनी मैदान,रामपुर चौक,भागकोहलिया, ट्रेङ्क्षनग स्कूल चौक, हवाईफील्ड आदि स्थानों पर बेवजह युवाओं का जमावड़ा हमेशा रहता है। खास बात की युवा वर्ग चुपचाप इन स्थानों पर नशीली दवाओं सहित अन्य नशीली सामग्रियों का बेहिचक सेवन करते रहते है। बावजूद प्रशासन की नजर इनपर नहीं पड़ती है।
क्या कहते है प्रदीप सिंह सांसद अररिया
यहां का प्रशासन सोया रहता है। खुलेआम नशीली दवा का धंधा जारी है। सरकार इसपर सख्त कार्यवाई करे। ताकि अररिया जिला नशामुक्त होकर विकास के राह पर उत्तरोतर चले।
फारबिसगंज केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सरंक्षक विनोद सरावगी
फारबिसगंज केमिस्टस एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन के संरक्षक बिनोद सरावगी ने बताया कि इस क्षेत्र में नशे के रूप में प्रयुक्त होने वाली दवाओं की आपूर्ति में कई ड्रग माफिया एवं सिंडीकेट संलिप्त हैं। दवा व्यवसायियों के लिए एनडीपीएस एक्ट के तहत कई तरह की पाबंदियों एवं प्रतिबंध के कारण उनके लिए इतनी मात्रा में इन दवाओं को मंगाना और बेचना संभव ही नहीं है।
डीएसपी रामपुकार सिंह ने कहा है की डायट परिसर सहित आसपास के क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों के जमावड़े की जानकारी उन्हें मिली है। कहा की पुलिस जल्द ही असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करेगी।