सरसी का अतिरिक्त प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र... मुख्य द्वार पर डंप है गिट्टी, कमरे में रखे जा रहे जलावन
पूर्णिया के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं। यहां पर संसाधन तो उपलब्ध हैं पर मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। सरसी स्थित अतिरिक्त प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र के चारों ओर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। भवन में जलावन रखे जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। सरसी स्थित अतिरिक्त प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र अतिक्रमण का शिकार होकर इसका परिसर संकुचित होता जा रहा है इसके अतिरिक्त यहां इलाज के नाम पर सिर्फ सरकारी खानापूर्ति की जाती है। लगभग दो एकड़ में फैले यहां का प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र का दीवाल जगह टूट जाने के कारण चारों तरफ से अतिक्रमण का शिकार होता जा रहा है तथा ओपीडी रूम के अतिरिक्त अन्य भवन दूसरे व्यक्तियों के कब्जे में है। जिनमें वे जलावन रखने का काम कर रहे हैं। मुख्य गेट के सामने ट्रेडर्स द्वारा गिट्टी एवं बालू जमा कर रखा गया है। जिसके कारण नेशनल हाईवे संख्या 107 पर चलने वाली बड़ी गाडिय़ों के गुजरने की हवा से धूलकण उड़कर ओपीडी रूम तक पहुंच जाती है। हरियाली के नाम पर लगभग दो लाख रुपये की योजना से मनरेगा कार्यक्रम के तहत इस अस्पताल प्रांगण में वृक्षारोपण का कार्य भी किया गया था। जिसमें पूर्व जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा द्वारा अपने हाथों से इस अस्पताल प्रांगण में वृक्षारोपण का कार्य किया गया था। लेकिन ये सभी सुविधाएं वर्तमान में नदारद है।
इस अस्पताल में एक आयुष चिकित्सक सहित 4 स्वास्थ कर्मी कार्यरत है जिनमें दो एएनएम पद पर कार्यरत महिलाएं भी शामिल है इसके अतिरिक्त यहां कोई सफाई कर्मी नहीं है जिसके कारण प्रांगण में पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली कचड़े की भरमार है।
अस्पताल में कार्यरत एक मात्र आयुष चिकित्सक द्वारा प्रत्येक दिन लगभग 30 से 40 गरीब मरीजोंं को इलाज के नाम पर दवाई दी जाती है।तथा एएनएम द्वारा महीने मेेंं करीब 40 से 50 महिलाओं का प्रसव भी यहां करवाया जाता हैै इसके बावजूद भी अन्य आवश्यक सुविधाओं का आभाव होने के कारण अस्पताल की व्यवस्था लचर बनी हुई है।
अतिरिक्त प्राथमिक उपस्वास्थ केंद्र पर रात्रि प्रहरी की व्यवस्था नहीं होने के कारण 24 घंटे सेवा देने वाली एएनएम अपने आप को असुरक्षित महसुस करती है क्योंकि अस्पताल में कार्यरत पुरुष स्वास्थकमर्मी दिन में ही अपना ड्यूटी कर चले जाते हैं उन्हें अकेले यहां रह कर रात्रि में ड्यूटी निभानी पड़ती है इसके अतिरिक्त अतिक्रमण एवं जगह जगह टूटी हुई दीवाल के कारण आसपास बसे ग्रामीणों के रास्ते इसी अस्पताल परिसर होकर है जिससे कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय व्यक्तियों ने बताया कि इस अतिरिक्त प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र को एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण कई बार प्रसव पीडि़त महिलाओं को रेफर कर बड़े अस्पतालों में भेजने हेतु कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है इसके अतिरिक्त अन्य व्यवस्थाओं के अभाव में यह केंद्र इस क्षेत्र के मरीजो के इलाज हेतु कतई कारगर साबित नहीं हो पा रही है। जिसके कारण यहाँ के मरीज झोला छाप डॉक्टर एवं दवाई दुकानदारों के चक्कर में पड़कर इलाज के नाम पर ठगे जा रहे हैं।